प्रदेश में राजनेताओं के होने वाले कार्यक्रमों में उपहार देने का रिवाज अब नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर में भविष्य में होने वाले सभी कार्यक्रमों में मंच पर उपहार के प्रचलन को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की घोषणा की।
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सीएम ने कहा कि मालाएं भी सीमित होनी चाहिए। स्वागत के लिए नमस्ते सबसे अच्छा तरीका है। कहा कि 45 मिनट आज उपहार देने में बर्बाद हुए हैं, समय बर्बाद होने से तकलीफ होती है। सरकारी विभागों में अवकाश के दिन कम किए हैं तो ये भी कम होना चाहिए।
इस दौरान सीएम रावत ने कहा कि एक साल में उत्तराखंड हड़ताली राज्यों में पहले स्थान पर रहा। 22 हजार हड़तालें हुईं। इनमें छह हजार तो केवल कर्मचारियों की थी।
जब भाजपा जिलाध्यक्ष ने विधायक को कुर्सी से उठा दिया
वृहद ऋण वितरण कार्यक्रम में सीएम के शामिल होने के कारण सहकारिता विभाग ने बड़े ही व्यवस्थित तरीके से मंच पर बैठने की व्यवस्था बनाई थी, लेकिन जब सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत मंच पर पहुंचे तो कुर्सी को लेकर विधायकों पर भाजपाई हावी होते दिखे।
भाजपा जिलाध्यक्ष शिव अरोड़ा ने नानकमत्ता विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा को कुर्सी से उठा दिया और खुद वहां बैठ गए। जिस पर विधायक राणा को दो सोफों के बीच में ही बैठना पड़ा। जो चर्चा का विषय बना रहा।
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