CM कैप्टन के लिए बड़ी मुसीबत बन सकते है सिद्धू, केबल टीवी टैक्‍स चोरी मामले पर ठनी..

CM कैप्टन के लिए बड़ी मुसीबत बन सकते है सिद्धू, केबल टीवी टैक्‍स चोरी मामले पर ठनी..

पंजाब में केबल कारोबार व हजारों करोड़ के टैक्स चोरी के मामले को लेकर स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए परेशानी पैदा हो सकती है। दोनों मामले पर आमने-सामने हो सकते हैं। सूबे में 90 फीसद केबल कारोबार पर कब्जा रखने वाली फास्ट वे कंपनी के खिलाफ कार्रवाई व तथ्यों को जुटाने के बाद अब सिद्धू कैप्टन के गले की हड्डी बन गए लगते हैं। दो महीने पहले सिद्धू ने जब इस मुद्दे को उठाया था तो कैप्टन ने बयान जारी कर सिद्धू की हवा निकाल दी थी कि बिना सबूत बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।CM कैप्टन के लिए बड़ी मुसीबत बन सकते है सिद्धू, केबल टीवी टैक्‍स चोरी मामले पर ठनी..पोत लूटने में 15 सोमालियाई समुद्री डाकुओं को ठहराया गया दोषी…

फास्ट वे कंपनी पर कार्रवाई को लेकर आमने-सामने सीएम व स्‍थानीय निकाय मंत्री

कैप्टन के बयान व मंशा जानने के बाद सिद्धू फास्ट वे कंपनी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सबूत जुटाने में जुट गए। उन्होंने लगातार इस संबंध में स्थानीय निकाय विभाग के मुलाजिमों के जरिए फास्ट वे केबल कनेक्शनों की जांच करवाने के लिए पूरी टीम लगा रखी है। नगर निगमों व नगर परिषदों के मुलाजिम लोगों के घरों में जाकर इस बात की पड़ताल करने में जुटे हैं कि उनके यहां किस कंपनी का केबल लगा हुआ है।

केबल कारोबार को लेकर दो बार मुख्यमंत्री का बयान आ चुका है कि पंजाब में सभी कंपनियों को कारोबार करने का मौका दिया जाएगा। उपभोक्ताओं को सस्ती व अच्छी सुविधा के लिए कंपनियों में प्रतियोगिता जरूरी है। सिद्धू इस सारे प्रकरण से अलग हटकर केवल एक ही लक्ष्य पर काम कर रहे हैं कि फास्ट वे कंपनी द्वारा की गई हजारों करोड़ की टैक्स चोरी के मामले में कार्रवाई की जाए। यही वजह है कि सिद्धू ने इस मामले को लेकर फास्ट वे के खिलाफ कार्रवाई करने वाले पूर्व कस्टम अफसर एसएल गोयल व एडवोकेट विनीत भगत को भी अपने साथ जोड़ लिया है।

कैबिनेट की बैठक में आज फास्ट वे कंपनी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सिद्धू ने सारे संबंधित दस्तावेज तैयार कर पहले ही ताल ठोंक दी है कि वह अपनी तरफ से प्रस्ताव रखेंगे। सिद्धू के इरादे स्पष्ट हैं कि टैक्स चोरी के मामले में अब कैप्टन को कार्रवाई करनी ही पड़ेगी, क्योंकि संबंधित दस्तावेज सिद्धू तैयार कर मीडिया के सामने भी पेश कर चुके हैं। साथ ही कैप्टन को सुझाव भी दे दिया है कि या तो कारवाई करें या उन्हें अधिकार दें। जाहिर है इन परिस्थितियों में कल कैबिनेट की बैठक में सिद्धू व कैप्टन आमने-सामने होंगे। 

कितने कनेक्शन किसी को पता नहीं

ट्राई की रिपोर्ट पर भरोसा किया जाए तो पंजाब में 24.5 लाख केबल टीवी के कनेक्शन हैं। इनमें डीटूएच कनेक्शन भी शामिल हैं, लेकिन सिद्धू ने एक महीना पहले 23 लाख कनेक्शन की बात कही थी। फास्ट वे खुद स्वीकार कर रहा है कि उसके पास 24 लाख के करीब कनेक्शन हैं। हाल ही में सिद्धू द्वारा जुटाए गए दस्तावेजों व दावों के अनुसार फास्ट वे कंपनी के पास अकेले ही 40 लाख से ज्यादा कनेक्शन हैं। यही वजह है कि सिद्धू ने कनेक्शनों की सही जानकारी के लिए फिजिकल सर्वे शुरू करवा दिया है।

मैंने सारा कच्चा चिट्ठा तैयार कर लिया है : सिद्धू

इस बाबत सिद्धू का कहना है कि उन्होंने सारा कच्चा चिट्ठा तैयार कर लिया है कि पिछले 10 सालों में फास्ट वे ने किस प्रकार से सरकार को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगाया है। अभी तक के आंकलन के अनुसार करीब 20 हजार करोड़ की टैक्स चोरी का मामला निकल रहा है। यह धनराशि पंजाब के उपभोक्ताओं से वसूली गई, लेकिन सरकार को जमा नहीं करवाई गई। फास्ट वे ने पंजाब में 90 फीसद केबल कारोबार पर धक्के से कब्जा किया है। यह सारी रिपोर्ट मैं आज कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सामने रखूंगा। 

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