मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व दिव्यांग दिवस पर दिव्यांगजनों को परीक्षाओं में न्यूनतम उत्तीर्ण अंक में पांच प्रतिशत की छूट समेत अन्य घोषणाएं की थी लेकिन अब तक एक भी घोषणा पूरी नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व दिव्यांग दिवस पर दिव्यांगजनों को परीक्षाओं में न्यूनतम उत्तीर्ण अंक में पांच प्रतिशत की छूट समेत अन्य घोषणाएं की थी लेकिन अब तक एक भी घोषणा पूरी नहीं हुई है। समाज कल्याण विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन दिसंबर 2022 में विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर दिव्यांगजनों को परीक्षाओं में न्यूनतम उत्तीर्ण अंक में पांच प्रतिशत छूट देने, राज्य स्तरीय दक्षता पुरुस्कार की धनराशि पांच से आठ हजार करने, कृत्रिम अंग अनुदान की धनराशि को 3500 से 7000 रुपये करने के साथ दिव्यांग पेंशन योजना को सरलीकृत करते हुए ऐसे समस्त दिव्यांग भी पेंशन के पात्र होंगे जिनके पुत्र या पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु के हैं।
25 अक्तूबर बीतने के बाद भी अब तक इन सभी घोषणाओं में कुछ नहीं हुआ है। राज्य में अभी 89759 दिव्यांगों को इन घोषणाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब समाज कल्याण विभाग ने इनके प्रस्ताव शासन को भेजे हैं। शिक्षा विभाग ने भी दिव्यांगों के न्यूनतम उत्तीर्ण अंक में पांच प्रतिशत की छूट नहीं दी है। राज्य में करीब 12531 दिव्यांग ऐसे हैं जिनके पुत्र या पौत्र 20 वर्ष से अधिक हैं। इन्हें पेंशन नहीं मिल पा रही है जबकि राज्य सरकार वृद्धावस्था पेंशन में इस शर्त को हटा चुकी है।
समाज कल्याण के उपनिदेशक वासुदेव आर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री घोषणा के तहत प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिए गए हैं। इसमें कितनी राशि खर्च होगी ये भी भेजा गया है। न्यूतम योग्यता वाला मामला शिक्षा विभाग से जुड़ा हुआ है।