उत्तर प्रदेश में एक साल पूरे होने से पहले उपचुनाव में मिली हार के बाद योगी सरकार अपनी छवि में लगातार सुधार की कवायद में जुटी हुई है. पिछले दिनों राज्य में पेश बजट में कई लोकलुभावन फैसले लेने के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में विधायक निधि में इजाफा कर दिया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में ऐलान करते हुए विधायक निधि की राशि 50 लाख और बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दी. पहले विधायक निधि के तहत विधायकों के पास खर्च के लिए डेढ़ करोड़ मिलते थे, लेकिन अब उन्हें 2 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी.
उन्होंने ऐलान किया कि विधायक निधि के अलावा जीएसटी निधि की राशि अलग से होगी. राज्य में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टीसरकार के इस वृद्धि का समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी पहले ही इसका सैद्धांतिक तौर पर विरोध कर चुके हैं.
योगी सरकार से पहले राज्य में उनकी समाजवादी पार्टी सत्ता में थी और तब वह मंत्री भी थे और उस समय भी उन्होंने इस निधि पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाए थे. उन्होंने इस पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा था कि विधायक और सांसद निधि को खर्च करने में भ्रष्टाचार किया जा रहा है. हालांकि विधायक निधि में वृद्धि के लिए सत्ता और विपक्ष दोनों की ओर से लगातार मांग हो रही थी.
विधानसभा बजट सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने विधायक निधि बढ़ाने के अलावा यह भी घोषणा करते हुए कहा कि सभी विधायक अब 100 हैंड पंप बांट सकेंगे. अब ये हैंड पंप गांव के अलावा शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के बीच भी बांटी जा सकेंगे.
हालांकि विधायक निधि को लेकर राज्य में आलोचना भी होती रही है, कई विधायकों के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपनी निधि का इस्तेमाल नहीं किया है. लखनऊ से मोहनलालगंज की विधायक जयदेवी ने फरवरी तक अपने विधायक निधि से एक भी पैसा खर्च नहीं किया था.
 TOS News Latest Hindi Breaking News and Features
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features
				 
						
					 
						
					