कोरोना महामारी से उत्तर प्रदेश को सुरक्षित रखने की दिशा में लगातार किए जा रहे प्रयासों के अच्छे परिणाम मिलने लगे हैं। योगी सरकार की ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति कारगर साबित हुई है। इसी का नतीजा है कि 24 घंटे में प्रदेश में कोविड टेस्ट पॉजिटिविटी दर मात्र 0.4 फीसद रही। कोरोना के कम होते संक्रमण दर को देखते हुए अब बरेली और बुलंदशहर को भी आंशिक कोरोना कर्फ्यू से छूट दी गई है। इन जिलों में भी कोविड के सक्रिय मामले 600 से कम हो गए। अब राहत पाने वाले जिलों की कुल संख्या 67 हो गई है। दो दिवसीय प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी के समाप्त होने के बाद सोमवार से इन दोनों जिलों को भी सप्ताह में पांच दिन सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक कोरोना कर्फ्यू से छूट दी जाएगी। इन जिलों में साप्ताहिक व रात्रिकालीन बंदी सहित अन्य सभी कोविड प्रोटोलाल लागू रहेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-9 के साथ बैठक में कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 67 जिलों में कुल एक्टिव केस की संख्या 600 से कम हो गई है। रिकवरी की स्थिति को देखें तो सोमवार तक चार-पांच और जिलों के भी 600 एक्टिव केस से कम की श्रेणी में आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि देश में सबसे ज्यादा कोविड टेस्ट करने वाले उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल के तीन लाख 10 हजार 783 मरीजों की पीक की स्थिति के सापेक्ष आज 36 दिवस के बाद 94 फीसद की गिरावट हो चुकी है। वर्तमान में 19,438 कोरोना केस एक्टिव हैं। हमारी रिकवरी दर 97.6 फीसद हो गई है।

24 घंटों में 1,092 नए संक्रमित मरीज मिले : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक पांच करोड़ 10 लाख 32 हजार 967 कोविड टेस्ट किए गए हैं। विगत 24 घंटे में प्रदेश में कोविड टेस्ट पॉजिटिविटी दर मात्र 0.4 फीसद रही। बीते 24 घंटों में 1,092 नए मरीज पाए गए हैं। इसी अवधि में 4,346 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। इस तरह अब तक कुल 16 लाख 56 हजार 763 प्रदेशवासी कोरोना से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।

कोरोना कर्फ्यू के नियमों का पालन कराए पुलिस : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शनिवार और रविवार दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी प्रभावी है। यह सभी 75 जिलों में समान रूप से लागू होगा। कोरोना कर्फ्यू से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए। रात्रिकालीन बंदी को प्रभावी बनाने के लिए शाम छह बजे से ही पुलिस व स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो जाएं। पब्लिक एड्रेस सिस्टक का उपयोग करें। कहीं भी भीड़ की स्थिति न बने। कई जिलों में लोगों के मास्क न लगाने, बाजारों में अनावश्यक भीड़ लगाने जैसी जानकारी मिली हैं। यह स्थिति न तो किसी के लिए भी अच्छी नहीं है। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए हर एक नागरिक का सहयोग आवश्यक है।

 

महिलाओं को टीकाकरण के लिए अलग बूथ : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन संक्रमण से बचाव का सुरक्षा कवर है। केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार सभी नागरिकों का यथाशीघ्र टीका-कवर देने के लिए संकल्पित है। अब तक प्रदेश में एक करोड़ 98 लाख 38 हजार 187 डोज लगाए जा चुके हैं। बीते 24 घंटे में चार लाख एक हजार 582 लोगों ने टीका-कवर प्राप्त किया। सोमवार से महिलाओं के सुविधाजनक टीकाकरण के लिए अलग बूथ भी शुरू किए जाएंगे। जून माह में हमारा लक्ष्य एक करोड़ लोगों को टीका लगाना है, जबकि जुलाई माह में इसे दो से तीन गुना तक विस्तार देने की योजना है। इसके लिए नर्सिंग कॉलेजों के प्रशिक्षु विद्यार्थियों को टीकाकरण के लिए प्रशिक्षित किया जाए। प्रशिक्षण अगले सप्ताह से प्रारंभ कर दिया जाए।

ब्लैक फंगस मरीजों के इलाज के लिए प्रबंध : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अस्पतालों में ओपीडी/आइपीडी सेवाएं, सर्जरी आदि शुरू की गई हैं, किंतु वही लोग अस्पताल आएं, जिनकी स्थिति गंभीर हों। घर से बाहर कम से कम निकलें। यथासंभव टेलीकंसल्टेशन का उपयोग करें। इसमें अधिकाधिक डॉक्टरों को इससे जोड़ा जाए। लोगों को इस सेवा के उपयोग के लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए सभी प्रबंध किये गए हैं। इसके इलाज में उपयोगी मानी जा रहे एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की आपूर्ति सुचारू कराई जा रही है। विशेषज्ञों ने दो और दवाओं का भी विकल्प दिया है, इनकी उपलब्धता यथाशीघ्र सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआइसीयू और एनआइसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जाए। इसी तरह जिला अस्पताल और सीएचसी स्तर पर भी मिनी पीकू स्थापित किए जा रहे हैं।

कोई निराश्रित बच्चा ‘बाल सेवा योजना’ से वंचित न रहे : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संक्रमण से जिन बच्चों के माता-पिता का निधन हो गया है, ऐसे निराश्रित व अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा-दीक्षा के लिए सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ की शुरुआत की है। इन बच्चों के लिए चार हजार रुपये प्रति माह, उन्हें बाल संरक्षण गृहों में रखने की व्यवस्था की गई है। कोई भी पात्र बच्चा इस योजना से वंचित न रहे, इस संबंध में संवेदनशीलता के साथ कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की आयु से अधिक के ऐसे किशोर जिनके माता-पिता दोनों का कोरोना के कारण असमय देहांत हो गया है, उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की जाए। इन बच्चों को अभ्युदय योजनांतर्गत टैबलेट और लैपटॉप भी दिया जाए।