पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती पर सीएम योगी ने दी श्रद्धांजल‍ि

भारतीय स्वाधीनता संग्राम के महानायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती पर मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ और उप मुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने देश की स्‍वतंत्रता के ल‍िए अपने प्राणों की आहुत‍ि देने वाले अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को उनकी जयंती पर नमन क‍िया।

मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने आजादी के महानायक और भारतीय स्वाधीनता संग्राम के क्रांत‍िकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को उनकी जयंती पर नमन करते हुए कहा क‍ि मां भारती के लिए समर्पित आपका बलिदानी जीवन राष्ट्र के लिए अप्रतिम प्रेरणा है।

मुख्‍यमंत्री योगी ने ट्वीट करते हुए ल‍िखा क‍ि, ‘भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानी, ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध ऐतिहासिक प्रतिकार ‘काकोरी घटना’ के महानायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जी को उनकी जयंती पर कोटिश: नमन। मां भारती के लिए समर्पित आपका बलिदानी जीवन राष्ट्र के लिए अप्रतिम प्रेरणा है।’

jagran

उप मुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को नमन करते हुए ट्वीट के जर‍िए प्रदेश की जनता को सदेंश द‍िया। उप मुख्‍यमंत्री ने कहा क‍ि सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है। देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान क्रांतिकारी पं० राम प्रसाद बिस्मिल जी की जयंती पर शत-शत नमन।

jagran

उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी अमर शहीद पंड‍ित राम प्रसाद बिस्‍मल को श्रद्धांजल‍ि दी। उप मुख्‍यमंत्री ने  ट्वीट कर ल‍िखा, ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है। महान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, भारत माँ के वीर सपूत शहीद पंडित राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।’

jagran

बता दें क‍ि आज अमर बलिदानी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की 125वीं जयंती है। शाहजहांपुर में 11 जून, 1897 को जन्में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल उन जाने-माने भारतीय आंदोलनकारियों में से एक थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। उन्होंने 19 वर्ष की आयु से बिस्मिल उपनाम से उर्दू और हिन्दी में देशभक्ति की सशक्त कविताएं लिखनी आरंभ कर दी।

पंडित राम प्रसाद बिस्मिल ने भगत सिंह और चन्द्रशेखर आजाद जैसे स्वतंत्रता सेनानियों सहित हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया और 1918 में इसमें मैनपुरी षडयंत्र और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रदर्शन करने के लिए अशफाक उल्लाह खान तथा रोशन सिंह के साथ 1925 के काकोरी कांड में भाग लिया।

काकोरी कांड में उनका हाथ होने के कारण उन्हें मात्र 30 वर्ष की आयु में 19 दिसम्बर, 1927 को गोरखपुर जेल में फांसी दे दी गई। जब वे जेल में थे तब उन्होंने ‘मेरा रंग दे बसंती चोला’ और ‘सरफरोशी की तमन्ना’ लिखे जो स्वतंत्रता सेनानियों और देश की आने वाली पीढ़‍ियों के ल‍िए अमर गीत बन गए।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com