उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शहरों में मुफ्त इंटरनेट की सुविधा देने की योजना बना रही है। इस योजना के तहत बड़े शहरों में 10 और छोटे शहरों में पांच स्थानों पर वाईफाई सुविधा प्रदान करेगी। पहले बड़े शहरों में पांच और छोटे शहरों में दो स्थानों पर यह सुविधा देने का फैसला हुआ था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्तूबर के पहले हफ्ते में इस योजना का शुभारंभ करेंगे।
अपर मुख्य सचिव नगर विकास डा. रजनीश दुबे ने नगर आयुक्त व अधिशासी अधिकारियों को इस दिशा में काम शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। शासनादेश में कहा गया है कि सरकार आमजन तक तीव्र व सुलभ सूचना और संचार की पहुंच देने के लिए बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन के समीप, तहसील, कचहरी, ब्लाक, रजिस्ट्रार कार्यालय, मुख्य बाजार, अस्पताल आदि स्थानों पर यह सुविधा दी जाएगी।
राज्य सरकार के मिशन युवा के तहत मुफ्त वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराना एक महत्वपूर्ण काम है। इसलिए 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में कम से कम 10 और 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में पांच स्थानों पर यह सुविधा दी जाएगी। स्मार्ट सिटी योजना में मुफ्त वाईफाई की सुविधा दे पाना संभव न होने पर निकाय स्वयं के स्रोतों यानी निकाय निधि से यह सुविधा उपलब्ध कराएंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, बरेली, सहारनपुर, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मेरठ, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन और फीरोजाबाद नगर निगम वाले शहरों के अलावा नगर पालिका परिषद वाले छोटे शहरों में भी मुफ्त वाईफाई की सुविधा प्रदान करेगी। फ्री वाईफाई की सुविधा खासकर बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, तहसील, कचहरी, ब्लाक और रजिस्ट्रार कार्यालय के आसपास दी जाएगी। इसके लिए स्थान चिह्नित करने के लिए कहा गया है।
अपर मुख्य सचिव नगर विकास डा. रजनीश दुबे ने नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि स्मार्ट सिटी परियोजना या फिर नगरीय निकाय अपने स्रोत से इसका खर्च उठाएंगे। निकायों से कहा गया है कि सुविधा देने की जानकारी अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होगी।
नगरीय निकाय मुफ्त वाईफाई सुविधा देने के लिए इंटरनेट कंपनियों से कांटैक्ट करेंगे। वाईफाई में इंटरनेट की स्पीड पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। कंपनियों के साथ करार में नेटवर्क ठीक से काम करे यह शर्त होगी। यह सुविधा केवल दिखावे के लिए नहीं होना चाहिए। इसके लिए रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी कि नेटवर्क की स्पीड कितनी है। सरकार का मानना है कि इस सुविधा से लोग अपनी जरूरतों के आधार पर किसी भी स्थान पर बैठकर अपना काम कर सकेंगे। मौजूदा समय लोगों को इंटरनेट सुविधा की काफी जरूरत पड़ती है।