लखनऊ, उत्तर प्रदेश में उद्योगों के लिए अनुकूल व्यावसायिक वातावरण और उच्च-स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के सम्बंध में माननीय मुख्यमंत्री, श्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुपालन में राज्य सरकार ने अल्पकालिक (शाॅर्ट-टर्म) ओपन एक्सेस के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों द्वारा विद्युत प्राप्त करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे उद्योगजगत की लम्बे समय से लम्बित मांग की पूर्ति हो सकेगी।
इस संबंध में ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री अरविंद कुमार ने सूचित किया है कि उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीटीसीएल) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट online.upptcl.org/abt पर ओपन एक्सेस विद्युत के उपयोग हेतु ‘मानक संचालन प्रक्रिया’(स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर) को अपलोड किया है और ‘उपलब्धता आधारित टैरिफ (अवेलेबिलिटी बेस्ड टैरिफ-एबीटी) मीटर’ लगाने हेतु अनुमति, निरीक्षण एवं स्थापना की स्वीकृति के लिए ‘ऑनलाइन एबीटी पोर्टल’ को अपनी वेबसाइट से एकीकृत कर दिया है। एबीटी मीटर, विशेष रूप से ओपन एक्सेस के माध्यम से, बिजली की आपूर्ति के लिए ऊर्जा अनुश्रवण और बिलिंग बल्क इंटर यूटिलिटी पावर फ्लो के लिए समाधान प्रदान करते हैं।
इसके अलावा शाॅर्ट-टर्म ओपन एक्सेस विद्युत का लाभ उठाने के इच्छुक ग्राहक अब निर्धारित आवेदन प्रारूप (एसटी-11) पर पंजीकरण के लिए उत्तर प्रदेश राज्य भार प्रेषण केंद्र (यूपीएसएलडीसी) के वेब पोर्टल www.eass.upsldc.org/eass/OAPreRegistration.jsp के माध्यम से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) को ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।
माननीय मंत्री, औद्योगिक विकास, श्री सतीश महाना ने कहा कि कोविड-19 कालखण्ड के बाद उद्योगों को अपनी संचालन लागत को कम करने के लिए दबाव का सामना करना पड़ रहा है और विद्युत प्रमुख इनपुट लागतों में से एक है, इसलिए ओपन एक्सेस के माध्यम से विद्युत प्राप्त करने की प्रक्रिया को सुगम बनाने से विशेष रूप से मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को विद्युत का सस्ता एवं वैकल्पिक स्रोत प्राप्त होगा।
प्रदेश में तेजी से बढ़ते हुए औद्योगिक निवेश को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, श्री आलोक कुमार ने कहा कि ओपन एक्सेस विद्युत की अनुमति और सुविधा हेतु उद्योगों की लंबे समय से लंबित मांग पर कार्यवाही करते हुए ओपन एक्सेस के लिए पंजीकरण तथा एबीटी मीटरों की स्थापना हेतु ऑनलाइन सुविधाएं प्रदान करके प्रक्रिया में मानव हस्तक्षेप को कम किया है।
उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में 63 शाॅर्ट-टर्म ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से 58 सक्रिय पंजीकरण हैं और उत्तर प्रदेश में ओपन एक्सेस व्यवस्था के तहत स्वीकृत कुल 347.56 मेगावाट में से उद्योगों द्वारा अब तक 224.42 मेगावाट का उपयोग किया गया है।
श्री आलोक कुमार ने कहा कि प्रतिस्पर्धी और स्वस्थ औद्योगिक वातावरण के सृजन के लिए ओपन एक्सेस प्रमुख रणनीतिक उपायों में से एक है, जिसके अन्तर्गत् मध्यम और वृहद् उपभोक्ताओं को स्थानीय विद्युत वितरण कंपनी (डिस्कॉम) के अलावा अन्य आपूर्तिकर्ताओं से विद्युत प्राप्त करने के लिए ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क के उपयोग की सुविधा मिलती है।
ओपन एक्सेस के लिए उ.प्र. विद्युत नियामक आयोग (यूपीईआरसी) के नियमों के अनुसार ‘शाॅर्ट-टर्म ओपन एक्सेस’ से यह तात्पर्य है कि एक बार में 3 महीने से अधिक की अवधि के लिए राज्यांतरिक (इंट्रा-स्टेट) ट्रांसमिशन सिस्टम तथा/अथवा वितरण प्रणाली का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
ज्ञात हो कि ग्राहक के पंजीकरण का उद्देश्य ओपन एक्सेस विद्युत संचरण की बुनियादी सूचना दर्ज करना है, जिसके आधार पर स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) द्वारा ट्रांसमिशन तथा/अथवा वितरण प्रणाली में परिचालन संबंधी मानदण्डो का आकलन किया जाता है।