लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में स्थित सीएमएस स्कूल की प्रिंसिपल और लैब असिस्टेंट के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। दोनों पर इस बात का आरोप है कि उन लोगों ने स्कूल के नाम पर कई अभिभावकों से लाखों रुपये उधार लिये थे। सिर्फ अभिभावक ही नहीं बल्कि स्कूल के कर्मचारियों से भी रुपये वसूले गये। इस संबंध में सीएमएस के ओएसडी ने ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज करायी है।
सिटी मांटेसरी स्कूल में संतोष तिवारी ओएसडी के पद पर कार्यरत हैं। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले इंद्रजीत अरोड़ा ने स्कूल प्रबंधन से इस बात की शिकायत की सीएमएस ठाकुरगंज ब्रांच की प्रिंसिपल साधना बेदी ने स्कूल के नाम पर उनसे 15 लाख रुपये उधार लिये थे। स्कूल प्रिंसिपल ने बताया था कि उधार में ली गयी रकम एक साल के बाद ब्याज सहित उनको वापस कर दी जायेगी। इंद्रजीत अरोड़ा की इस शिकायत पर जब स्कूल प्रबंधन ने छानबीन की तो चांैकाने वाला खुलासा हुआ।
स्कूल की प्रिसिंपल साधना बेदी ने कई अभिभावकों व स्टाफ के लोगों से स्कूल के नाम पर मोदी रकम उधार के रूप में ली थी। सिर्फ इतना ही नहीं उन लोगों को इसकी एक फर्जी रसीद भी दी थी। छानबीन में इस बात का भी पता चला कि स्कूल प्रिसिंपल इंद्रजीत अरोड़ा को रकम वापसी के नाम पर 5.70 लाख के तीन चेक भी दिये थे।
इस बारे में जब साधना बेदी से स्कूल प्रबंधन ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने निजी काम के लिए लोगों से स्कूल के नाम पर उधार रुपये लिये थे। सिर्फ इतना ही ने इस काम में उनका साथ स्कूल में तैनात लैब असिस्टेंट शीतला सहाय ने भी दिया था। शीतला सहाय ने ही स्कूल के नाम पर फर्जी रसीद छपवाई थी और रुपये का पूरा ब्यौरा शीतला सहाय के पास मौजूद था।
इस छानबीन के बाद स्कूल प्रशासन ने प्रिंसिपल साधना बेदी और लैब असिस्टेंट शीतला सहाय को बर्खास्त कर दिया। ओएसडी संतोष तिवारी की शिकायत ठाकुरगंज पुलिस ने प्रिसिंपल और लैब असिस्टेंट के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज की है। कुछ समय पहले इस बात को लेकर दर्जनों अभिभावकों ने स्कूल के बाहर जमा होकर प्रदर्शन भी किया था।