कई बीमारियों का रामबाण इलाज हैं ये रंग बिरंगे फूल, जानें औषधीय गुण

हम सभी फूलों को उनकी सुंदरता और सुगंध के लिए जानते हैं. आयुर्वेद में फूलों का इस्तेमाल सदियों पहले से होता आया है. प्राचीन समय से ही फूलों का इस्तेमाल रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है. ये त्वचा की समस्याओं से लेकर घातक संक्रमणों को ठीक करने में मदद करते हैं. ये पोषण और औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. आइए जानें औषधी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ प्रमुख फूलों के बारे में.

गुड़हल

इस फूल की पंखुड़ियां और पत्तियां लाल, गुलाबी, सफेद, पीले और नारंगी रंग की होती हैं. हिबिस्कस का आयुर्वेदिक चाय में इस्तेमाल किया जाता है. ये लो ब्लड प्रेशर में मदद करता है. ये दस्त, बवासीर, रक्तस्राव के साथ-साथ बालों के झड़ने, हाई ब्लड प्रेशर और खांसी में भी मदद करता है. ये गर्भनिरोधक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

गुलाब

गुलाब आमतौर पर गुलाबी या लाल रंग के होते हैं. इन फूलों में टैनिन, विटामिन ए, बी और सी होते हैं. ये आवश्यक तेलो से भी भरपूर होता है. इसमें वसायुक्त तेल और कार्बनिक एसिड होते हैं. इस फूल के रस का इस्तेमाल शरीर की गर्मी और सिरदर्द को कम करने के लिए किया जाता है. इनकी पंखुड़ियों का इस्तेमाल पेट की सफाई के लिए किया जाता है.

गुलाब की पंखुड़िया का इस्तेमाल ‘मुर्राबा’ बनाने के लिए भी किया जाता है. ये पाचन संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है. ये खांसी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, पाचन संबंधी समस्या, फेफड़ों से संबंधित बीमारियों को ठीक कर सकते हैं. गुलाब जल से आंखों की जलन दूर की जा सकती है. त्वचा संबंधित समस्याएं जैसे मुंहासों को गुलाब के पेस्ट से कम किया जा सकता है. कब्ज को कम करने के लिए गुलाब की चाय का सेवन किया जा सकता है.

चंपा

ये सुगंधित पीले, नारंगी रंग के फूल होते हैं जिनका इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में त्वचा रोगों, घावों और अल्सर जैसी कई बीमारियों के लिए किया जाता है. फूल का काढ़ा मतली, बुखार, चक्कर, खांसी और ब्रोंकाइटिस के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

कमल

कमल सफेद या गुलाबी फूल होते हैं. ये भारत का राष्ट्रीय फूल और पूर्वी संस्कृतियों के लिए एक पवित्र फूल माना जाता है. ये त्वचा रोग, जलन, , दस्त और ब्रोंकाइटिस को कम करने में मदद करता है.

गुलदाउदी

गुलदाउदी सजावटी पीले फूल होते हैं, इस फूल का रस चक्कर, हाई ब्लड प्रेशर और फुरुनकुलोसिस को ठीक कर सकता है. इसकी पंखुड़ियों से बनी गरमा गरम चाय पीने से दर्द और बुखार को कम करने में मदद मिलती है. अगर आपको इसका स्वाद पसंद नहीं है, तो ठंडा होने के बाद एक कॉटन पैड से इससे थकी हुई और सूजी हुई आंखों को आराम देने के लिए इसे आंखों पर लगा सकते हैं. इसका इस्तेमाल पाचन जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है.

जैस्मीन

चमेली की चाय का सेवन लंबे समय से चिंता, अनिद्रा और नर्वस सिस्टम की अन्य बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है. ये पाचन समस्याओं, मासिक धर्म के दर्द और सूजन को कम करने के लिए भी फायदेमंद है.

गोल्डन शावर ट्री

ये पीले रंग के होते हैं. ये त्वचा रोगों, हृदय रोगों, पीलिया, कब्ज, अपच और यहां तक कि कान के दर्द के उपचार में उपयोगी होता है.

By- कविता सक्सेना श्रीवास्तव

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