यूरोप में हो चुका है फैसला
तमाम तरह के इलेक्ट्रिक गैजेट आज आ चुके हैं। उनको चार्ज करने की भी जरूरत होती है क्योंकि सभी बिजली से चल रहे हैं। ऐसे में उनके लिए अलग-अलग चार्जर हैं जो भविष्य के लिए दिक्कत का सबब बन रहे हैं। अलग गैजेट के लिए अलग चार्जर रखना होता है जो समस्या पैदा करता है। ऐसे में भारत में सरकार की ओर से यह तय किया जाना है कि सभी चीजों के लिए एक चार्जर हो या नहीं। अभी तक यूरोपियन यूनियन यानी यूरोप देशों में इसे लागू किया जा चुका है। भारत में हुई 17 अगस्त को बैठक में इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ।
सरकार का निर्णय
बैठक में उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह, स्मार्टफोन और लैपटाप के अलावा अन्य इलेक्ट्रिक डिवाइस बनाने वाली कंपनियां, सेक्टर के संगठन पदाधिकारी, सीआईआई, एफआईसीसीआई, आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बीएचयू के प्रतिनिधि आए हुए थे। सरकार की ओर से फैसला लिया या है कि अभी यूरोप की तरह इसे लागू नहीं किया जाएगा। क्योंकि अभी इंडस्ट्री को और समय देना है। अभी फिलहाल कामन चार्जर के लिए एक सब कमेटी बनेगी और कमेटी पर प्रस्ताव पर चर्चा होगी। तभी आगे कोई फैसला होगा।