भारत में अब हिंदू धर्म के त्योहार को लेकर लोग काफी संंशय में रहने लगे हैं। दरअसल, हिंदू धर्म में कोई भी त्योहार ग्रह और नक्षत्र के हिसाब से मनाए जाते हैं। इनके योग से ही त्योहार की गणना होती है। त्योहार और व्रत करने का समय भी उदया तिथि से ही मान्य होता है। ऐसे में लोगों को काफी संशय रहता है। होली को लेकर भी इसी तरह की शंका हो रही है। पंचांग के अनुसार लोगों को होली का त्योहार मनाने तक आठ दिन पहले ही शुभ कार्यों को करने की मनाही रहती है। इस बार कब पड़ रही है होली। आइए जानते हैं।
दूर होगी तारीख की शंका
जानकारी के मुताबिक फाल्गुन मास की पूर्णिमा में होलिका दहन होता है और अगले दिन लोग रंग खेलते हैं। यह चैत्र मास पड़ता है और प्रतिपदा तिथि पड़ती है। होली को लोग किस लिए मनाते हैं उसके लिए भी मान्यता है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि होली से पहले ही आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू होता है और इस दिन लोगों को शुभ कार्य करने की मनाही होती है। अब लोग यह असमंजस में हैं कि होलाष्टक कब से शुरू हो रहा है। नौ मार्च से या दस तारीख से। क्योंकि इसके आठ दिन बाद होली पड़ती है।
इस दिन मनाएं होली
होलिका इस बार पंचांग के अनुसार 17 मार्च को जलाई जाएगी। यह गुरुवार को पूर्णिमा तिथि पड़ने के कारण हैं। इसके अगले दिन से ही फाल्गुन मास खत्म होकर चैत्र मास लग जाएगा। इस दिन लोग होली रंग खेल सकते हैं। 18 मार्च को लोग रंगों में सराबोर हो जाएंगे। होलिका दहन के लिए 17 मार्च को दोपहर डेढ़ बजे से लेकर 18 मार्च को साढ़े मार्च तक फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि रहेगी। लेििकन यह रात में 17 तारीख को 9 बजकर 20 मिनट से साढ़े 10 बजे तक जलना शुभ होगी। होलिका दहन के लिए लोगों के पास कुल सवा घंटा ही होगा। इस समय ही होलिका दहन करने से कष्ट दूर होंगे। होलिका दहन हमेशा प्रदोष काल में करें भद्रा काल में यह शुभ नहीं माना जाता है।
GB Singh