रामगढ़: राजस्थान के रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की शाफिया जुबैर खान ने 12228 वोटों से जीत हासिल कर ली है। इसी के साथ राजस्थान के विधानसभा में कांग्रेस के पास बहुमत के जादुई आंकड़े से महज एक सीट कम रह गई है। अभी तक कांग्रेस के पास 99 सीटें थीं जबकि सहयोगी आरएलडी के साथ एक सीट मिलाकर कांग्रेस ने यहां सरकार बनाई थी। अब कांग्रेस के पास 100 सीटें हैं।
इस लिहाज से कांग्रेस के लिए रामगढ़ विधानसभा सीट शुरू से ही अहम मानी जा रही थी। यह जीत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए भी खास है। वह अपनी पहली परीक्षा में पास हो गए हैं। अशोक गहलोत ने जीत पर कहा मैं खुश हूं कि लोगों ने सोच.विचारकर कदम उठाया है। उन्होंने सही फैसला किया है।
मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं और उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने ऐसे समय में संदेश दिया है जब इसकी जरूरत थी। यह पार्टी को लोकसभा चुनाव के लिए प्रोत्साहित करेगा। इस सीट पर विधानसभा चुनाव के पहले बहुजन समाज पार्टी बीएसपी के उम्मीदवार प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिए गए थे।
रामगढ़ में कांग्रेस ने शाफिया जुबैर खान पर भरोसा जताया थाए वहीं बीजेपी ने सुखवंत सिंह और बीएसपी ने जगत सिंह को मैदान में उतारा था। रामगढ़ में दूसरे नंबर पर बीजेपी रही। सुखवंत सिंह को 71ए083 वोट मिले। लोकसभा चुनाव से पहले हुए इस आखिरी उपचुनाव को काफी अहम माना जा रहा था क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में राजस्थान में बीजेपी को क्लीन स्वीप मिली थी।
रामगढ़ सीट राजस्थान के अलवर जिले में आती है। यह अलवर की सबसे हॉटसीट मानी जाती है। पिछले कुछ समय से मॉब लिंचिंग के कारण अलवर और रामगढ़ सुर्खियों में रहा। यह वही क्षेत्र है जहां पिछले साल कथित गोरक्षकों ने गोतस्करी के संदेह में रकबर खान की पीट.पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पूरे देश का ध्यान रामगढ़ की ओर खींचा था और संसद में भी इस मामले को उठाया गया था। कांग्रेस का मानना है कि इस मामले में बीजेपी और उसके स्थानीय नेता ज्ञानदेव आहूजा की काफी किरकरी हुई थी जो बीजेपी की हार की मुख्य वजह रही।
जीत के बाद कांग्रेस की प्रत्याशी शाफिया खान ने मीडिया से कहा कि ध्रुवीकरण की राजनीति के चलते ही बीजेपी को यहां हार मिली है। उन्होंने कहा कि रकबर खान की हत्या के मामले में रामगढ़ को काफी बदनाम किया गया था। उन्होंने कहाए श्लोगों को पता है कि हम काम करने में यकीन करते हैं। रामगढ़ में इस बार कांग्रेसए बीजेपी के साथ बीएसपी के प्रत्याशी के बीच भी मुकाबला था। बीएसपी के वजह से कांग्रेस को कुछ वोटों का नुकसान भी उठाना पड़ा।
कांग्रेस का मानना है कि उनका वोटबैंक दलित भी है इस वजह से बीएसपी ने उनके वोटों पर सेंध लगाने का काम किया है वरना जीत का आंकड़ा और अधिक होता। रामगढ़ में पलड़ा कांग्रेस का ही भारी रहा है।
यहां अब तक 14 विधानसभा चुनावों में 10 बार कांग्रेस और 4 बार बीजेपी जीती है। बीजेपी के ज्ञानदेव आहूजा यहां से तीन बार विधायक रह चुके हैं। वहीं शाफिया के पति जुबैर खान भी इस सीट से 3 बार विधायक रह चुके हैं। रामगढ़ की इस जीत से अब आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का हौसला और मजबूत हो गया है। अब कांग्रेस की निगाहें राज्य की 25 लोकसभा सीटों पर है।