इन दिनों देश भर में कोरोना अपने भयावह कहर से न जाने रोजाना कितनी ही जाने ले रहा है। ऐसे में क्या अमीर और क्या गरीब, सभी को कहीं न कहीं अपने चाहने वालों से दूर होना पड़ रहा है। कहीं नेता कहीं फिल्म स्टार्स तो कहीं क्रिकेटर सभी के परिवार में लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। बता दें कि देश के ऐसे हालात में एक भारतीय क्रिकेटर ने कोरोना के चलते अपना दम तोड़ दिया। उनके पीछे अब बस उनकी पत्नी और एक बच्ची रह गई है।
महज 36 साल की उम्र में ही छोड़ गए दुनिया
राजस्थान रॉयल्स के पूर्व स्पिनर और रणजी विजेता टीम के सदस्य विवेक यादव पहले तो कोरोना का शिकार हुए और फिर महामारी के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया। बता दें कि विवेक की उम्र इस वक्त महज 36 साल ही थी। उनके निधन के बाद उनके परिवार के नाम पर पीछे सिर्फ पत्नी और बेटी ही रह गए हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो विवेक यादव ने बुधवार को अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली।
कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने ट्वीट कर दी जानकारी
विवेक यादव के निधन की वजह से खेल जगत में स्पेशली क्रिकेट जगत में दुख की लहर दौड़ गई है। बता दें कि पूर्व भारतीय खिलाड़ी और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने इस बारे में ट्वीट कर क्रिकेट प्रेमियों को जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘मेरे करीबी दोस्त और राजस्थान के रणजी खिलाड़ी विवेक यादव अब नहीं रहे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। मेरा प्यार और प्रार्थनाएं परिवार के साथ हैं।’
ऐसा रहा है विवेक यादव का क्रिकेट करियर
विवेक यादव ने कुल 18 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं। इनमें उन्होंने अब तक कुल मिलाकर 57 विकेट चटकाए हैं। वहीं 2010-11 की रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में भी विवेक खेल चुके हैं। मालूम हो उन्होंने 91 रन लुटा कर बड़े आराम से 4 विकेट झटक दिए थे। इसमें शीर्ष क्रम में मैदान पर उतरने वाले 5 खिलाड़ी भी शामिल थे।
कोरोना से पहले कैंसर से थे पीड़ित
मालूम हो विवेक कैंसर से पीड़ित थे और उनका इलाज जारी था। उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला तब खेला था जब वे 30 साल के थे। हालांकि हाल ही में उन्होंने कोरोना की जांच कराई जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और इस महामारी ने उन्हें अपनी आगोश में ले लिया। इसी के साथ उन्होंने बुधवार को अस्पताल में आखिरी सांसे ली थीं।
हमेशा चुनौतियों का सामना करने को रहते थे रेडी
बता दें कि 2012 में विवेक को दिल्ली की टीम ने मोटी रकम देकर खरीदा था पर उन्हें टीम के प्लेइंग इलेवन किसी भी मैच के लिए शामिल नहीं किया गया। इस वजह से उन्हें उस सीजन में खेलने का मौका ही नहीं मिला। विवेक ने बाद में संन्यास ले लिया और अपनी क्रिकेट अकादमी खोली और देश को युवा खिलाड़ियों के रूप में कई प्रतिभाएं दीं।
ऋषभ वर्मा