बीजिंग: पूरी दुनिया में कोरोना फैलाने के लिए बदनाम चीन में एक बार वापस इस जानलेवा वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है। भयावह होते हालातों के मद्देनज़र चीनी सरकार ने शुक्रवार (11 मार्च 2022) को सख्त फैसला लेते हुए देश के औद्योगिक शहर चांगचुन में 9 मिलियन (90 लाख) लोगों को लॉकडाउन में कैद कर दिया। जिनपिंग सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में लोगों के घर से बाहर निकलने पर पाबन्दी लगा दी गई है। अब यहाँ के लोगों को तीन दौर की टेस्टिंग करानी होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, हालात की गंभीरता के मद्देनज़र चीनी अधिकारियों ने शहर के सभी अनावश्यक व्यवसायों को बंद कर दिया है, साथ ही ट्रांसपोर्ट सेवा को भी बंद कर दिया है। चीनी सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब राष्ट्रीय प्रशासन ने पूरे देश से कोरोना को स्थानीय स्तर पर 397 मामले दर्ज किए हैं। इन मामलों में 98 संक्रमित जिलिन प्रान्त में चांगचुन के आसपास के रहने वाले थे। हालाँकि, शुक्रवार को वहाँ सिर्फ दो ही केस मिले। चीनी प्रशासन ने ये फैसला लिया है कि देश में जहाँ कहीं भी एक या उससे ज्यादा संक्रमित मिलेंगे, वहाँ पर फ़ौरन लॉकडाउन लगा दिया जाएगा।
बता दें कि चीनी सरकार, कोरोना महामारी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत अपना रहे हैं। जिलिन शहर में तो चीनियों ने पहले से ही आंशिक लॉक़डाउन लागू कर रखा है। यही नहीं इस शहर की आसपास के शहरों के साथ कनेक्टिविटी को भी समाप्त कर दिया गया है। शुक्रवार को शहर में 93 केस मिले। कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट की भयावहता के मद्देनज़र शंघाई फाइनैंशियल सेंटर में स्कूलों को भी मजबूरन बंद करना पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 की शुरुआत में चीन में COVID-19 के शुरूआती कहर के बाद से अब सबसे ज्यादा 1,000 से अधिक ताजा केस मिले हैं। बता दें कि ऐसी कई रिपोर्टें सामने आ चुकी हैं, जिनमें ये दावा किया गया था कि कोरोना का वायरस चीन की वुहान स्थिति बायो लैब में बनाया गया था।