मुम्बई: क्रिकेट में अगर भारत और पाकिस्तान का मैच हो तो रोमांच अपने चरम पर पहुंच जाता है। भारत के दिग्गज बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के बीच भी मैदान पर कई बार नोंक झोंक देखने को मिली। रावलपिंडी एक्सप्रेस नाम से मशहूर शोएब जितनी ही तूफानी गति से गेंद डालते थे सहवाग भी उतनी ही रफ्तार से गेंद को बाउंड्री के बाहर भेजा करते थे। बैटिंग के दौरान भले ही सहवाग कभी अख्तर के सामने असहज नहीं दिखे हों लेकिन उन्होंने स्वीकार किया है कि इस पाकिस्तानी गेंदबाज का सामना करते हुए वह डरते थे।
ओपनर सहवाग ने सोमवार को एक चैट शो में कहा कि अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अगर मुझे किसी गेंदबाज का सामना करने में सबसे ज्यादा डर लगा तो वह शोएब अख्तर थे। पता नहीं होता था कि वह कौन सी गेंद बाउंसर मारेंगे या फिर कौन सी यॉर्कर। उनकी गेंदें कई बार मेरे सिर पर भी लगी हैं। उन्होंने कहा कि भले ही मैं उनकी गेंदों का सामना करने में डरता था लेकिन मुझे उनकी गेंदों पर बाउंड्री मारने में मजा भी खूब आता था।
सहवाग के साथ ही पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी भी मौजूद थे। इस दौरान दोनों दिग्गजों ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के यादगार पलों को याद किया। वीरू ने चैट शो के दौरान बताया कि 2007 में टी20 वल्र्ड कप और 2011 में वनर्ड वल्र्ड कप का खिताब जीतना बेहद खास था। उन्होंने कहा कि हमारे लिए 2007 टी20 वल्र्ड कप और 2011 वनडे वल्र्ड कप खास मौके रहे थे।
2007 में हमारी टीम काफी युवा थी और किसी ने भी हमसे वल्र्ड कप जीतने की उम्मीद नहीं की थी वो भी साउथ अफ्रीका में। 2011 वल्र्ड कप भी बेहद खास था क्योंकि हमसे पहले किसी भी देश ने अपनी मेजबानी में वल्र्ड कप नहीं जीता था। अफरीदी ने भी 2009 में टी20 वल्र्ड कप में मिली जीत को खास बताया। उन्होंने कह कि 2009 में टी20 वल्र्ड चैंपियन बनना हमारे लिए यादगार पल था क्योंकि हमारे देश में श्री लंकाई टीम पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान संघर्ष कर रहा था।
वह खिताब देश का हौसला मजबूत करने के लिए बेहद जरूरी था। सहवाग की तरह अफरीदी भी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। सहवाग भी अपनी फिरकी पर कई बार बल्लेबाजों को नचाते थे तो अफरीदी एक मंझे हुए ऑलराउंडर थे।
अफरीदी की फिरकी के आगे अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों ने घुटने टेके हैं लेकिन इस दिग्गज ने कहा कि वह सहवाग को गेंदबाजी करने से कतराते थे। अफरीदी ने कहा कि वैसे तो मुझे कभी किसी खिलाड़ी से डर नहीं लगा लेकिन मैं वीरेंद्र सहवाग को गेंदबाजी करने से हमेशा कतराता था। उन्हें गेंदबाजी करना मुश्किल होता था।