राजकोट: वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का आगाज करने वाले पृथ्वी शॉ ने इस लम्हें को अपने लिए यादगार बना लिया है। 18 वर्षीय इस बल्लेबाज ने 154 बॉल की इस पारी में 19 चौकों की मदद से 134 रन बनाए। दिन का खेल खत्म होने के बाद पृथ्वी ने अपने खेल और शतक पर संजय मांजरेकर से बात की।
पृथ्वी ने अपने इंटरनैशनल करियर का पहला शतक पिता को समर्पित किया है।
उन्होंने कहा कि उनकी इस कामयाबी के पीछे उनके पिता पंकज शॉ का कड़ा संघर्ष छिपा है और वह इस शतक को उनके ही नाम करते हैं। इस पारी पर चर्चा करते हुए इस युवा खिलाड़ी ने कहा कि शतक जडऩे के बाद अब अच्छा महसूस कर रहा हूं। जब मैं पारी की शुरुआत करने गया था तो मैं नर्वस था क्रीज पर जल्दी ही सहज हो गया। मैंने अपना स्वभाविक खेल ही खेला।
पृथ्वी ने बताया कि उन्होंने खुद पर इंटरनैशनल मैच का दबाव हावी नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि मैं यही सोच रहा था कि यह मेरे लिए एक और मैच की तरह है और फिर सबकुछ अपने आप ही होता चला गया। मैंने बॉल की मेरिट के हिसाब से बैटिंग की और आगे बढ़ता रहा। इस युवा बल्लेबजा ने बताया कि मैं अपने पिता के बारे में सोच रहा था उन्होंने मेरे लिए बहुत कुछ त्याग किया है।
मेरा पहला शतक यह सब उन्हीं को समर्पित करता हूं। भारतीय टीम के लिए खेलना यह मेरे बड़ी चीज है। मैं चाहता था कि मेरी यह पारी यादगार हो। यह मेरे लिए अच्छी चुनौती थी और मैं मानता हूं कि इन खिलाडिय़ों के सामने मैंने अच्छा परफॉर्म किया है। अपने बेखौफ अंदाज के खेल पर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहाए मैं बचपन से ही काफी स्कूल क्रिकेट खेला हूं।
हर साल 30 से 35 मैच खेलता रहा हूं। रणजी में मैं काफी क्रिकेट खेल चुका हू तो इस लिए परिस्थितियों में खुद को ढालने में मुझे तकलीफ नहीं हुई। मेरा अब तक का अनुभव यहां खूब काम आया और मैं उसी के अनुरूप यह पारी खेली।
राजकोट में खेले जा रहे भारत वेस्ट इंडीज टेस्ट में डेब्यू कर रहे युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने गजब का खेल दिखाया है। पृथ्वी ने डेब्यू टेस्ट में ही शतक जड़ दिया। पृथ्वी ने स्कूल क्रिकेट से लेकर अंतरराष्ट्रीय मैच तक अनेक रेकॉर्ड अपने नाम किए हैं। महज 18 साल के युवा ओपनर पृथ्वी शॉ टेस्ट डेब्यू पर शतक जडऩे वाले सबसे युवा भारतीय क्रिकेटर हैं। उन्होंने 134 रन की पारी खेली जिसमें 154 गेंदों का सामना किया और 19 चौके जड़े।