केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने एक साल पहले ही नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनियों जैसी जेम्स ऐंड जूलरी फर्मों को लोन देने पर चेतावनी दी थी. जनवरी 2017 में CVC और कई अन्य एजेंसियों जैसे ED, CBI की एक बैठक हुई थी. यह बैठक इस बात पर चर्चा करने के लिए थी कि बैंकों ने जेम्स ऐंड जूलरी फर्मों को कितना लोन दिया है.
इस तरह, 13,600 करोड़ रुपये के घोटाले के करीब एक साल पहले ही सीवीसी ने जेम्स ऐंड जूलरी सेक्टर को मिलने वाले लोन में अनियमितताओं को लेकर चेताया था. सीवीसी की सालाना रिपोर्ट के अनुसार यह बैठक 5 जनवरी, 2017 को हुई थी. इस बैठक में CVC, ED, CBI के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा पंजाब नेशनल बैंक सहित 10 बैंकों के अधिकारी शामिल हुए थे. यह बैठक जतिन मेहता के विनसम ग्रुप जैसे कुछ जूलरी फर्मों के बही-खातों में गंभीर अनियमितताओं पर चर्चा करने के लिए भी बुलाई गई थी. इस बैठक में बैंकिंग सिस्टम की खामियों, सीवीओ की जांच प्रक्रिया, सोन के आयात जैसे मसलों पर भी चर्चा हुई थी.
नीरव मोदी और पीएनबी घोटाला
पंजाब नेशनल बैंक में फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के जरिये नीरव मोदी और मेहुच चोकसी के घोटाला करने की बात सामने आई. PNB में 11,360 करोड़ रुपये के घपले में नीरव मोदी की कंपनियों और बैंक की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा के कुछ अन्य खातों की संलिप्तता उजागर होने के बाद बड़े स्तर कार्रवाई शुरू की गई. PNB के कम से कम 10 बैंक कर्मियों को निलंबित किया गया. जांच एजेसियां लगातार इस मामले की जांच-पड़ताल कर रही हैं. धीरे-धीरे इस घोटाले की परतें खुल रही हैं. यह घोटाला अब करीब 13,600 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. फिलहाल मामले में जांच जारी है.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features