ओलिंपिक 2016 में साइना से पदक की उम्मीद लेकर रियो डी जनीरो पहुंची थीं। लेकिन दूसरे मैच में हार कर वह बाहर हो गईं। साइना के घुटने में चोट की खबरें पहले से आ रही थीं। ओलिंपिक में यह चोट इतनी बढ़ गई कि उनके करियर पर खतरा मंडराने लगा पर साइना ने हार नहीं मानी। उन्होंने कोर्ट पर दमदार वापसी की। बीते 18 महीनों नें दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी ने काफी लंबा सफर तय कर लिया है। 
साल 2016 में घुटने के ऑपरेशन के बाद साइना की फिटनेस और करियर को लेकर कई सवाल उठने लगे थे। लेकिन रविवार को उन्होंने उन सब आलोचकों को करारा जवाब दे दिया। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स के महिला एकल मुकाबले में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। राष्ट्रमंडल खेलों में दो एकल स्वर्ण पदक जीतने वालीं वह भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी भी बनीं।
साइना के सामने उनकी हमवतन और ‘गुरु-बहन’ पीवी सिंधु थीं। दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी के सामने गोल्ड मैडल मैच में साइना ने 21-18, 23-21 से जीत हासिल की। साइना ने इस मैच में काफी आक्रामक बैडमिंटन खेला। दूसरे गेम में पिछड़ने के बावजूद उन्होंने वापसी की। इसके साथ ही दुनिया की 12वें पायदान की इस खिलाड़ी ने सिंधु के खिलाफ अपने रेकॉर्ड को 4-1 कर लिया।
गोल्ड कोस्ट में गोल्ड जीतने के बाद साइना ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि वह अपनी फिटनेस और प्रदर्शन को लेकर काफी खुश हैं।
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