गोल्ड कॉस्ट: कॉमनवेल्थ गेम्स के आखिरी दिन रविवार की शुरुआत भी बेहतरीन रही। महिला एकल बैडमिंटन के निर्णायक मुकाबले में साइना नेहवाल ने देश की नंबर एक खिलाड़ी और ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु को 21-18, 23-21 से शिकस्त दी और गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया वहीं पीवी सिंधु को सिल्वर से संतोष करना पड़ा।
साइना के इस गोल्ड के साथ ही कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का सुनहरा सफर समाप्त हुआ। भारत के खाते में कुल 66 मेडल आए जिसमें 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज शामिल हैं। इसी के साथ मेडल्स टैली में भारत तीसरे स्थान पर रहा। वहींए 88 साल के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।
इसके अलावा बैडमिंटन के पुरुष डबल्स मुकाबलों में सात्विक रैंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने सिल्वर मेडल पर कबजा जमाया। इस जोड़ी को फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के जोड़ी मार्क एलिस और क्रिस लैंगरिज के हाथों 21-1, 21-16 से करारी हार मिली। इसके अलावा किदंबी श्रीकांत ने मेन्स सिंगल्स बेडमिंटन के फाइनल मुकाबले में सिल्वर मेडल जीता है।
उन्हें मलेशिया के ली चोंग वेई के हाथों 21-19,14-21 और 14-21 से करारी मात मिली। वहींए स्क्वॉश विमेंस डबल्स के फाइनल मुकाबले में दीपिका पल्लीकल और जोशना चिनप्पा की जोड़ी ने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया। इस जोड़ी को न्यूजीलैंड की जोड़ी जोले किंग और अमांडा लेंडर्स के हाथों 9-11 और 8-11 से हार मिली।
वहीं ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुई मिक्स डबल्स की जंग में मनिका बत्रा.जी साथियान की जोड़ी ने बाजी मारी और अचंत शरत कमल.मौमा दास की जोड़ी को 3-0 से मात दी। मनिका बत्रा.जी साथियान की जोड़ी ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को आखिरी राउंड में 4-11 से शिकस्त दी।
इसके अलावा टेबल टेनिस में देश के शरत अचांता ने मेंस सिंगल कैटेगरी में ब्रॉन्ज जीता। उन्होंने इंग्लैंड के सैमुअल वॉकर को 11-7, 11-9, 9-11, 11-6, 12-10 से हराया। यह भारत का कॉमनवेल्थ गेम्स के 88 साल के इतिहास में विदेश में मेडल टेबल में स्थान के लिहाज से तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले 2002 और 2006 में चौथा स्थान विदेश में हुए कॉमनवेल्थ खेल में सर्वश्रेष्ठ रहा था। ओवरऑल इस इवेंट में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2010 में रहा था। तब अपनी मेजबानी में भारत दूसरे स्थान पर रहा था।