जाने अनजाने में हम प्ले स्टोर से कुछ ऐसे मोबाइल ऐप डाउनलोड कर लेते हैं जिनके बारे में हमें पता नहीं होता। ये ऐप डेटा चोरी करने वाले हो सकते हैं जो आपके मोबाइल में प्रवेश करते ही आपकी जानकारी को लीक कर सकते हैं। गूगल की ओर से कार्रवाई करते हुए ऐसे नौ मोबाइल ऐप्लीकेशन को फिलहाल हटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि ये ऐसे टूल थे जो आमतौर पर लोग इस्तेमाल करते हैं और आसानी से लोगों के मोबाइल में अपनी जगह बना लेते हैं। इससे पहले भी गूगल अपने प्ले स्टोर से कई ऐप को हटा चुका है। कहीं ये आपके मोबाइल में भी तो नहीं। क्या है पूरा माजरा। आइए जानते हैं।  
कैसे पता चला
एक एंटीवायरस सर्विस की रिपोर्ट बताती है कि मैलवेयर के जानकारों ने यह खोज की है। बताया गया कि इन ऐप्स ने उपयोगकर्ताओं के फेसबुक लॉग इन करने के अधिकार चुरा लिए हैं। ये ऐप ऐसे फैले हुए थे जैसे कोई आम ऐप, क्योंकि इसे 5.9 मिलियन से ज्यादा डाउनलोड किए गए थे। इनमें मैलवेयर के पांच अलग प्रकार थे। ये ऐप उपयोगकर्ताओं को सोशल मीडिया अकाउंट के ममाध्यम से लॉग इन करके विज्ञापनों को हटाने का विकल्प प्रदान करता था और फेसबुक के अधिकार चुरा लेता था। इससे फेसबुक पेज की नकल भी इन ऐप्स ने कर ली। यही नहीं ऐप्स ने ब्राउजर कुकीज भी चुरा ली। इनमें तीन देशी एंड्रायड ऐप थे और दो गूगल के फ्लटर एसडीके का इस्तेमाल करके बने थे। डॉ वेब ने इनके वैरियंट को एंड्रायड.पीडब्सूए.फेसबुक.13, एंड्रायड.पीडब्सूए.फेसबुक.14, एंड्रायड.पीडब्सूए.फेसबुक.15, एंड्रायड.पीडब्सूए.फेसबुक.17, एंड्रायड.पीडब्सूए.फेसबुक.18 पाया थे।
ऐप लॉक और होरोस्कोप ऐप से घुसपैठ
ये ऐप ऐसे थे जिन्हें लोग आमतौर पर इस्तेमाल करते हैं। इसमें होरोस्कोप देखने वाले ऐप और ऐप्लीकेशन को लॉक करने वाले ऐप भी शामिल थे। इसके अलावा प्रोसेसिंग फोटो, एप लॉक कीप, रबिश क्लीनर, होरोस्कोप डेली, होरोस्कोपपाई, ऐपलॉक मैनेजर, लॉकिट मास्टर, इनवेल फिटनेस और पीआइपी फोटो ऐप थी। गूगल की ओर से बताया गया कि सभी नौ ऐप को हटा दिया गया है और इन पर प्रतिबंध लगाया गया है। अब ये अकाउंट कोई नया ऐप भी नहीं ला पाएंगे। बताया जा रहा है कि इस तरह के अकाउंट को मात्र 25 डॉलर यानी 1900 से 2000 रुपए में बनाते हैं जो लोगों के लिए घातक सिद्ध होते हैं। उन्होंने लोगों को ऐसे किसी भी ऐप को डाउनलोड न करने की सलाह दी है। जिसने भी यह डाउनलोड किया है उनको अपनी डिवाइस और फेसबुक खाते की जांच जरूर करनी चाहिए ताकि किसी संदिग्ध गतिविधि का पता चल सके। पीआईपी फोटो को 5.8 लोगों ने डाउनलोड किया है।
-GB Singh
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