दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने राजधानी के स्कूलों को खोलने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अपडेट के अनुसार प्राधिकरण ने निर्देश दिये हैं कि सभी स्कूलों और कॉलेजों में इमरजेंसी की स्थितियों से निपटने के लिए परिसर में एक क्वारंटाइन रूम स्थापित करें। भीड़ से बचने के लिए स्कूलों में लंच ब्रेक के लिए को खुला स्थान दिया जाना चाहिए। साथ ही, स्कूलों में नियमित रूप से आने वाले गेस्ट को उपस्थिति कम की जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, DDMA ने अपने दिशा-निर्देशों में कहा है कि ऐसे शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को स्कूल या कॉलेज आने की अनुमति नहीं दी चाहिए जो कि प्रशासन द्वारा निर्धारित किसी कंटेनमेंट जोन में रह रहे हों।
बता दें कि दिल्ली के स्कूलों को सीनियर कक्षाओं 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए 1 सितंबर 2021 से खोला जाना है। इसके बाद मीडिल कक्षाओं 6वीं से 8वीं तक के लिए 8 सितंबर से स्टूडेंट्स को स्कूल बुलाया जा सकेगा। हालांकि, स्कूल जाने के लिए स्टूडेंट्स को अपने पैरेंट्स की लिखित सहमति साथ लानी होगी और दूसरी तरफ स्टूडेंट्स को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा।
DDMA के कुछ अन्य महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
- शिक्षण संस्थानों को किसी भी कक्षा में एक बार में अधिकतम 50 फीसदी छात्र-छात्राओं को ही बुलाने की अनुमति होगी।
- इसके लिए संस्थान शिफ्ट में स्टूडेंट्स को बुला सकते हैं और दो शिफ्ट के बीच कम से कम एक घंटे का अंतराल होना चाहिए।
- स्टूडेंट्स को फूड आइटम्स या पानी, किताबें, स्टेशनरी सामान या किसी अन्य चीज को क्लासमेट या किसी अन्य के साथ शेयर करने से बचना चाहिए।
- स्कूल प्रमुखों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल में आने वाले सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का टीकाकरण हो। यदि वे नहीं हैं, तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर इसे पूरा कराना होगा।