नई दिल्ली: समता पार्टी के संस्थापक और पूर्व रक्षामंत्री मंत्री और जॉर्ज फर्नांडिस का 88 वर्ष की अवस्था में मंगलवार को निधन हो गया। वह लंबे समय पर से बीमार चल रहे थे। अल्जाइमर से पीडि़त होने के चलते वे काफी समय से बिस्तर पर ही थे।

बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से वह स्वाइन फ्लू से भी पीडि़त थे। डॉक्टरों ने बताया है कि स्वाइन फ्लू के चलते ही उनकी मौत हुई है। जॉर्ज के रक्षामंत्री रहते हुए ही भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में पहली बार केंद्र में कार्यकाल पूरा करने वाली गठबंधन सरकार में जॉर्ज रक्षामंत्री रहे।
भारतीय संसद की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार इनका जन्म मैंगलोर में 3 जून 1930 को हुआ था। जॉर्ज फर्नांडिस 10 भाषाओं के जानकार थे। हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मराठी, कन्नड़, उर्दू, मलयाली, तुलु, कोंकणी और लैटिन। उनकी मां किंग जॉर्ज फिफ्थ की बड़ी प्रशंसक थीं। उन्हीं के नाम पर अपने छह बच्चों में से सबसे बड़े का नाम उन्होंने जॉर्ज रखा।
मंगलौर में पले-बढ़े फर्नांडिस जब 16 साल के हुए तो एक क्रिश्चियन मिशनरी में पादरी बनने की शिक्षा लेने भेजे गए पर उनका उससे मोहभंग हो गया। उन्होंने 18 साल की उम्र में चर्च छोड़ दिया और रोजगार की तलाश में बंबई चले आए।
जॉर्ज खुद बताते थे कि इस दौरान वे चौपाटी की बेंच पर सोया करते थे और लगातार सोशलिस्ट पार्टी और ट्रेड यूनियन आंदोलन के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते थे। फर्नांडिस की शुरुआती छवि एक जबरदस्त विद्रोही की थी। उस वक्त मुखर वक्ता राम मनोहर लोहिया फर्नांडिस की प्रेरणा थे। 1950 आते-आते वे टैक्सी ड्राइवर यूनियन के बेताज बादशाह बन गए।
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