नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठï नेता नारायण दत्त तिवारी का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 93 साल के थे। आपको जान कर हैरानी होगी कि आज एनडी तिवारी का जन्म दिन भी है। दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
पिछले कई महीनों से उनकी तबीयत काफी बिगड़ती जा रही थी। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एनडी तिवारी के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वरिष्ठ राजनेता नारायण दत्त तिवारी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया था। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूर्णीय क्षति है।
आजादी के बाद यूपी में हुए पहले ही चुनाव में वह नैनीताल से प्रजा समाजवादी पार्टी के टिकट पर पहली बार विधायक बनकर विधानसभा में पहुंचे थे। वह तीन बार जनवरी 1976 से अप्रैल 1977, अगस्त 1984 से सितंबर 1985 और जून 1988 से दिसंबर 1988 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
1980 में 7वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और केंद्रीय मंत्री के तौर पर काम किया। 1985-1988 तक वह राज्यसभा के सदस्य बने। 1990 के दशक में एक समय उन्हें प्रधानमंत्री का दावेदार माना जा रहा था लेकिन पीवी नरसिम्हा राव को यह पद मिला। पीएम की कुर्सी न मिलने का एक कारण यह भी था कि वह महज 800 वोटों से लोकसभा का चुनाव हार गए थे।