गुवाहाटी: असम में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 110 हो गई है। वहीं अस्पताल में भर्ती 200 से अधिक लोगों की हालत गंभीर है। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मृतकों के परिवार को 2-2 लाख मुआवजा राशि और इलाज करा रहे मरीजों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है।
असम के गोलाघाट जिला के बाद जोरहाट जिला में भी अब तक 65 लोगों की ज़हरीली देशी शराब पीने से मौत की पुष्टि हो चुकी हैं। जोरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गोलाघाट से इलाज के लिए नाजुक हालत में लाए 30 लोगों को जोड़कर अब तक जोरहाट में 65 लोगों की जान जाने की पुष्टि हो चुकी है। गोलाघाट के सिविल अस्पताल में 45 लोगों की मौत हो चुकी है।
गोलाघाट और जोरहाट दोनों जिला को जोड़कर मरने वालो लोगों की आंकड़ा 110 बताया जा रहा है। आधिकारिक रूप से भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। 150 से अधिक लोगों का जोरहाट मेडिकल कॉलेज में इलाज जारी है और 50 से अधिक लोगों की हालत अभी गंभीर बनी हुई है। सूत्रों ने बताया कि मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
असम के स्वास्थ मंत्री डॉ हिमंत विश्व सरमा स्थिति का जायजा लेने जोरहाट मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचे और जोरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बढ़ते मरीजों की तादाद को देखते हुए और डाक्टरों की कमी के चलते असम के डिब्रूगढ़ स्तिथ असम मेडिकल कॉलेज अस्पताल और तेज़पुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से भी 50 अतिरिक्त डाक्टरों की टीम को जोरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सा सेवा देने के लिए बुलाया गया है।
इस बीच असम के मुख्यमंत्री सोनोवाल ने जांच के आदेश देते हुए एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। आबकारी विभाग मंत्री के निर्देश अनुसार गोलाघाट जिला के दो आबकारी अधिकारी को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि जहरीली शराब असम के गोलाघाट और नागालैंड सीमांत दुर्गम घने जंगल के इलाके. खटखटी में बनाई गई और वहीं से गोलाघाट और जोरहाट के चाय बगान के मज़दूर और अस्स पास के इलाकों में बेचा गया था। फोरेंसिक जांच दल जोरहाट में ज़हरीली देशी शराब की जांच में जुटा है।