लखनऊ: टीबी मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने प्रदेश में नयी व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। नयी व्यवस्था के तहत अब मरीजों को टीबी की डोज रोजना लेनी होगी। अभी तक टीबी की दवा एक दिन छोड़कर दी जाती थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नयी व्यवस्था सोमवार से सभी जिलों में लागू कर दी जाएगी।
टीबी यानि क्षयरोग इसकी रोकथाम के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम देशभर में चलाया जा रहा है। क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम बीते 15 वर्षों से चल रहा है इसके बावजूद रोग पर उम्मीद के मुताबिक काबू नहीं पाया जा सका। टीबी मरीजों की संख्या में कमीं नहीं आयी जबकि इसके लिए कई बार योजनाओं में तब्दीली हुई और कई प्रकार की दवाओं का प्रयोग किया गया।
चिकित्सकों का कहना है कि कई बार ऐसा देखा गया कि मरीज ने रोग होने पर इलाज का पूरा कोर्स किया लेकिन 15 प्रतिशत मरीजों को रोग से निजात नहीं मिला और उनमें दोबारा टीबी के लक्षण देखने को मिले। अब भारत सरकार ने टीबी की रोकथाम के नयी व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है इसके तहत प्रदेश समेत सभी राज्यों में सोमवार से रोजाना दवा खिलाने की योजना चलायी जाएगी।
स्टेट टीबी ऑफिसर डॉ. आलोक रंजन का कहना है कि क्षयरोग होने पर मरीज को कम से कम 6 माह तक दवा खानी होती है। यह दवाएं सरकारी अस्पतालों व डाट्स सेंटर पर मरीजों को मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं।
वर्तमान समय में मरीजों को एक दिन छोड़ कर दवा खिलाई जाती है। अब ऐसा नहीं होगा नयी व्यवस्था लागू होने के बाद यानि सोमवार से नए टीबी मरीजों को रोज दवा खिलाई जाएगी।
उनका कहना है कि प्रदेश में इस समय करीब दो लाख 60 हजार टीबी के मरीज पंजीकृत हैं। करीब 40 हजार डाट्स सेंटर हैं। टीबी की पहचान के लिए दो हजार सेंटर हैं। जहां पर आकर मरीज अपनी जांच करा पंजीकरण करा सकता है।