डेनमार्क फुटबॉल महासंघ ने गुरुवार को क्रिस्टियन एरिक्सन को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। दरअसल डेनमार्क फुटबॉल महासंघ क्रिस्टियन एरिक्सन के शरीर में एक डिवाइस लगाने को कह रहा है जो उनके दिल की धड़कनों पर नजर रख सके। जानें उनकी दिल की धड़कनों पर डेनमार्क के फुटबॉल महासंघ को नजर रखने की ऐसी कौन सी जरूरत आन पड़ी।
एरिक्सन के सीने में क्यों लगेगी आईसीडी
चलिए आपको बता देते हैं कि क्रिस्टियन एरिक्सन के शरीर में धड़कनों पर नजर रखने वाली डिवाइस आखिर क्यों लगाई जा रही है। दरअसल बात ये है कि यूरो चैंपियनशिप में फिनलैंड के खिलाफ मैदान पर खेलते वक्त क्रिस्टियन को दिल का दौरा पड़ गया था और वो अचेत होकर मैदान पर गिर पड़े थे। इसके बाद से ही कोपेनहेगन नामक अस्पताल में उनका इलाज जारी है। महासंघ को इस पर कहना है कि डॉक्टर मानते हैं कि क्रिस्टियन के शरीर को आईसीडी यानी कि इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर-डिफाइब्रिलेटर की आवश्यकता है। महासंघ ने बताया, ‘दिल के बाद ये डिवाइस शरीर में लगाई जाती है। ये डिवाइस क्रिस्टियन एरिक्सन के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि बड़े से बड़े डॉक्टर व विशेषज्ञों ने यही डिवाइस रीकमेंड की है।’
जानते हैं कैसे काम करती है ये डिवाइस
आईसीडी डिवाइस किसी व्यक्ति की दिल की धड़कन पर निरंतर नजर रखती है। अगर उसे दिल की धड़कन सामान्य नहीं लगती है तो वो इलेक्ट्रिकल पल्स भी भेज सकती है। बता दें कि नीदरलैंड के फुटबॉल डिफेंडर डाले ब्लाइंड के सीने में भी यही डिवाइस लगी हुई है। साल 2019 में उन्हें खुद को दिल की बीमारी होने का पता चला था। इसके बाद भी वे डिवाइस की मदद से प्रोफेशनल फुटबॉल मैच खेलते हैं।
यूरो फुटबाॅल चैंपियनशिप के पहले मुकाबले में पड़ा था हार्टअटैक
मालूम हो कि यूरो फुटबाॅल चैंपियनशिप के पहले मैच में ही क्रिस्टियन एरिक्सन दिल के दौरे की वजह से मैदान पर अचेत होकर अचानक गिर पड़े थे। फिर उन्हें फौरन अस्पताल ले कर जाया गया था। अब वो वहीं पर भर्ती हैं। बता दें कि उन्होंने अपने साथी खिलाड़ियों से अस्पताल में अगले मैच पर फोकस करने की बात कही थी।
अस्पताल में एडमिट होने के दौरान बोली ये बात
क्रिस्टियन एरिक्सन का खेल के प्रति इतना प्यार देख कर उनके साथी खिलाड़ी पियरे एमिली होबर्ग भावुक हो गए। एमिली ने भावुक होकर कहा, ‘क्रिस्टियन एरिक्सन ने हमसे कहा कि हम अगले मैच की ओर फोकस करें। आगे बढ़ें…ये बात हमारे लिए बहुत मायने रखती है। इससे मुझे ही नहीं बल्कि पूरी टीम को ऊर्जा मिलती है।’
ऋषभ वर्मा