महेंद्र सिंह धोनी को सिर्फ भारतीय क्रिकेट का पूर्व कप्तान ही नहीं बल्कि क्रिकेट जगत का माइल स्टोन कहा जाए तो गलत नहीं होगा। धोनी ने अपने जीवन और करियर काल में बहुत सारे रिकाॅर्ड तोड़े हैं। हालांकि आज हम बात करेंगे तीन खास रिकाॅर्ड्स की जो लेजेंड कप्तान धोनी अपने करियर में कभी तोड़ ही नहीं पाए। धोनी का नाम सुनते ही क्रिकेट के हर रिकाॅर्ड टूटने की जो छवि है उसे जरा ठीक कर लीजिए। हम बताने जा रहे हैं ऐसे तीन रिकाॅर्ड्स के बारे में जिन्हें धोनी कभी नहीं तोड़ पाए।
धोनी की उपलब्धियां
धोनी ने टीम इंडिया को 2007, 2011 वर्ल्ड कप जिताया है। इसके अलावा उन्होंने साल 2013 में चैंपियंस ट्राॅफी भी देश के नाम की है। महेंद्र सिंह धोनी न सिर्फ बेहतरीन बल्लेबाज, कप्तान व फील्डर रहे बल्कि बतौर विकेटकीपर उनकी स्टंपिंग का कोई मुकाबला ही नहीं रहा। उन्हें विकेटकीपर के तौर पर कई नामुमकिन कैच पकड़े और टीम को कई बार जीत की ओर ले गए। वनडे इंटरनेशनल में विकेट कीपर के तौर पर उन्होंने 345 पारियों में 444 लोगों को आउट किया है।
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ये तीन रिकाॅर्ड तोड़ने से चूके
बतौर विकेट कीपर धोनी सबसे ज्यादा शिकार करने वाले खिलाड़ियों में तीसरे नंबर पर हैं। बता दें कि इंटरनेशनल लेवल पर ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी कुमार संघकारा हैं और दूसरे नंबर पर एडम गिलक्रिस्ट हैं। संघकारा ने 482 मैचों में 444 शिकार किए हैं। वहीं गिलक्रिस्ट ने 444 मैचों में कुल 321 शिकार किए। धोनी ने भारतीय टीम की ओर से कुल 90 टेस्ट मैच खेले हैं। 90टेस्ट मैचों में 38.09 की औसत से कुल 4876 रन धोनी ने बनाए हैं। इनके नाम 6 शतक और 33 अर्धशतक हैं। बता दें कि धोनी टेस्ट में पांच हजार रन बनाने के आंकड़े से केवल 124 रन ही दूर रह गए हैं। वे 100 टेस्ट मैच खेलने से भी चूक गए हैं। उन्हें सिर्फ 10 टेस्ट और खेलने थे। बता दें कि इन्होंने साल 2008 में पहली बार भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी की थी। उन्होंने इस मैच में कानपुर के ग्रीन पार्क में दक्षिण अफ्रीकी टीम को मात दी थी।
ऋषभ वर्मा