ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ नक्षत्र ऐसे होते हैं जिनमें जन्म लेने से जातक दयावान धार्मिक और मेहनती होता है इसके साथ ही विजय की अभिलाषा भी उस में कूट-कूट कर भरी होती है। आज हम उस राशि के बारे में उस नक्षत्र के बारे में जानेंगे जिस नक्षत्र में जन्म लेने से व्यक्ति दयावान होता है और मेहनती होता है और साथ ही में सफलता पाने के लिए जिज्ञासु होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्वाषाढ़ा की बात करेंगे पूर्वाषाढ़ा एक ऐसा नक्षत्र है जिसमें जन्म लेने से व्यक्ति दयावान और मेहनती और विजय पाने का अभिलाषी होता है।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र विश्वा नक्षत्र है मंडल का। और यह नक्षत्र धनु राशि के अंतर्गत आता है और इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र होता है।
पहली बात तो आपको बताना चाहेंगे कि पूर्वाषाढ़ा का अभिप्राय है कि पूर्व अपराजेय। जल का अर्थ होता है जिससे जीत पाना असंभव है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति हर कार्य को करवाने में सक्षम होते हैं वह मेहनती होते हैं और उत्साही भी होते हैं।
इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति अपने मेहनत और पराक्रम के बल पर सफलता हासिल करते हैं और एक नया मुकाम बनाते हैं। स्वभाव से ऐसे जातक बेहद संवेदनशील दयालु और दूसरों की सहायता करने वाले होते हैं। हालांकि इस नक्षत्र में जन्मे जातक के मनोबल की बात करें तो आप बल भी कमाल का होता है।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे जातक में एक अद्भुत शक्ति होती है इन लोगों को रिझाने या मिलनसार प्रवृत्ति के जातक होते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे जातक जल्दी से दुखी नहीं होते और अपना धैर्य कभी नहीं होते। इनके अंदर धैर्य इतना होता है कि उस के बल पर अपना लक्ष्य हासिल करते हैं।
इस नक्षत्र में जन्मे जातक की खूबी होती है किन के पास धन-धान्य संपत्ति समृद्धि सब कुछ होता है लेकिन यह अपना जीवन पर है सादगी के साथ जीना पसंद करते हैं। उनके पास मान सम्मान और प्रेम अथाह होता है। अगर कैरियर की बात करें तो यह मनोरंजन और राजनीति के क्षेत्र में जा सकते हैं।
नक्षत्र में जन्मे जातक खुशमिजाज के होते हैं हंसमुख होते हैं और प्रेरणा स्रोत होते हैं इनके अंदर कला भी कूट-कूट कर भरी होती है। हां हालांकि यह देखने में काफी गंभीर होते हैं लेकिन अंदर से बेहद नरम होते हैं। इनसे बात करने में आपको भी खुशी मिलती है। यह कोई भी जोखिम उठाने के लिए डरते नहीं।
—-वंदना