राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केरल में तिरंगा फहराया. भागवत ने पलक्कड़ में तिरंगा फहराया, हालांकि वहां के डीएम ने ऐसा करने से मना किया था. डीएम का आदेश था कि कोई भी राजनेता स्कूल में तिरंगा ना फहराए. फिर भी ऐसा किया गया. आपको बता दें कि स्थानीय डीएम का आदेश था कि उस स्कूल में कोई भी टीचर या कोई चुना हुआ व्यक्ति ही तिरंगा फहराए.

गौरतलब है कि बीजेपी और आरएसएस पिछले काफी समय से केरल में अपनी पैठ बनाने को जुटी हैं. केरल में संघ कार्यकर्ताओं पर हमले और हत्या के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है. आरएसएस ने पहली बार 2002 में नागपुर में तिरंगा फहराया था. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी केरल में बीजेपी नेताओं के खिलाफ होने वाले हादसों को लेकर कई बार सार्वजनिक मंचों से आवाज उठा चुके हैं.
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मोदी ने लाल किले से फहराया गया तिरंगा
लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों आजादी के पावन पर्व पर देशवासियों को कोटि-कोटि शुभकामनाएं. आज देश पूरा देश आजादी के पर्व के साथ जन्माष्टमी का पर्व भी मना रहा है. मेरे सामने बाल कन्हैया भी बैठे हैं. सुदर्शन चक्र धारी मोहन से लेकर चरखाधारी मोहन तक हमारी सांस्कृतिक ऐतिहासिक विरासत के हम सभी धनी हैं. देश की आजादी के लिए जिन-जिन लोगों ने अपना योगदान दिया है, यातनाएं झेली हैं, बलिदान दिया है त्याग और तपस्या की परिकाष्ठा की है ऐसे सभी महानुभावों और माता-बहनों को लाल किले की प्राचीर से, 125 करोड़ भारतीयों की तरफ से शत-शत नमन.
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