पीपल की खासियत
पीपल के पेड़ को काफी मानते हैं। इसमें विष्णु का वास माना जाता है। पीपल के पेड़ की जड़ में ब्रह्मा का वास माना जाता है और उसके तने में विष्णु जी का और ऊपर के भाग में शिव का वास माना जात है। पीपल का काफी महत्व हिंदू धर्म में है। लोग उसकी पूजा करते हैं और उसके पत्तों को शुभ मानते हैं। भगवान कृष्ण ने भी गीता में कहा है कि वृक्षों में वे पीपल हैं। पीपल को शनि प्रकोप और पितृ दोष से बचने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
ऐसे दूर होते हैं दोष
मंगलवार को पीपल के 11 पत्ते लें और उसे गंगाजल से साफ करने के बाद केसर से श्रीराम लिखे और माला बनाएं। माला को मंदिर में हनुमान जी को अर्पित करें। ऐसा करने पर आपको शनि के दोष से मुक्ति मिलेगी। पूर्णिमा के दिन पीपल के पत्ते को गंगाजल से साफ करें और केसर से श्री लिखें और पर्स में रखें। हर महीने पहले शनिवार को इस पत्ते को बदल देना चाहिएि। इससे शनि और पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी। शानिवार को दूध में गुड़ मिलाकर उसे पीपल के पेड़ में डालने पर और शं शनैश्चराय नम: का 27 बार जाप करने से ही शनि और पितृ दोष का प्रभाव कम होता है। साथ ही शनिवार के दिन सरसो के तेल का दीपक पीपल के नीचे जलाने से और परिक्रमा नौ बार करने से भी भगवान शनि खुश होते हैं।
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