गृह प्रवेश की तिथि और समय को लेकर अक्सर लोगों में असमंजस रहता है। गृह प्रवेश की पूजा का वास्तु शास्त्र ही नहीं धार्मिक ग्रंथों में भी विशेष महत्व बताया गया है। हिंदु धर्म में नया घर पूरी तरह से बनकर तैयार होने के बाद उसमें रहने का शुरुआत गृह प्रवेश किए बिना नहीं की जा सकती है।
गृह प्रवेश शुभ मूहूर्त और विधि विधान से करने पर गृह स्वामी और परिवार के सदस्यों के लिए शुभ फलदायी होता है। इसकी तिथि के लिए ज्योतिषीय विचार करना जरूरी होता है। आइए हम आपको बता रहे हैं कि गृह प्रवेश कितने तरह का होता है। इसके साथ ही यहां हम आपको बताएंगे कि गृह प्रवेश किन महीनों में नहीं करना चाहिए।
सपूर्वा – पहले बने घर में लंबे अंतराल के बाद प्रवेश की पूजा को सपूर्वा गृह प्रवेश कहते हैं। यह उस स्थिति में किया जाता है जब गृहस्वामी विदेश निवास से लौटा हो या बना-बनाया घर खरीदा गया हो।
– माघ माह में गृह प्रवेश से संपत्ति में बढ़ोतरी होती है।
– फाल्गुन मास में गृह प्रवेश से संतान और संपत्ति दोनों बढ़ते हैं।
– वैशाख महीने में गृह प्रवेश से संपत्ति और खुशहाली आते हैं।
– ज्येष्ठ मास में गृह प्रवेश से पुत्रों और मवेशियों की संपन्नता प्राप्त होती है।
गृह प्रवेश की पूजा के लिए ऊपर बताए गए महीनों के अलावा कार्तिक और मार्गशीर्ष महीने में पूजा मिश्रित फल देने वाली होती है। आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद और आश्विन पौष महीनों में गृह प्रवेश की पूजा अच्छी नहीं मानी जाती है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features