कान के साथ-साथ दिमाग पर भी बुरा असर डालते हैं आपके ईयरफोन

आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ में ‘वाक विद टॉक’ बहुत कॉमन हो गया है. घर से लेकर ऑफिस, बस, मेट्रो, जिम यहां तक की पैदल वॉक करते हुए एक चीज हमारे लिए बहुत ही कॉमन है और वो है आपके ईयर फोंस. आप चाहें कुछ भी भूल जाएं लेकिन अपने ईयर फोन को नहीं भूलते. इतना ही नहीं रात में भी आपको इनकी सक्त जरूरत पड़ती है. इस बात से आप भी सहमती दे रहें होंगे की ईयर फोन आपके लाइफ का एक जरूरी हिस्सा बन गया है.

लेकिन आपको ये भी पता होना चाहिए की ये ईयर फोन्स आपके कानों और दिमाग के लिए बहुत खतरनाक हैं. इनकी वजह से कानों में इन्फेक्शन, कंसंट्रेशन की कमी समेत बहुत सी दूसरी बीमारियां होती है. पिछले कुछ सालों में ईयर फोन्स का कल्चर तेजी बढ़ रहा है. ईयर फोन्स को हमारे कानों के लिए अच्छे और तेज म्यूजिक के लिए बनाया गया है. लेकिन जब यही म्यूजिक कई-कई घंटों तक हमारे कानों में बजता रहता है तो सिर्फ कानों में ही नहीं दिमाग के भीतर भी इसका बहुत बुरा असर पड़ता है. वो कैसे आइए जानते हैं.

तेज आवाजें हमारे कानों के पार्डन के लिए बहुत खतरनाक होती हैं. ये तो आप सभी जानते होंगे. यही तेज आवाजें जब कानों से बिलकुल सटे हुए ईयर फोन्स से लगातार हमारे कानों पर बजती रहेंगी तो पर्दों समेत पूरे कान पर असर पड़ेगा ही.

इसके नुकसान में सबसे पहले है टिनिटस यानी कानों में सीटी जैसा बजना. ये कानों की ऐसी बीमारी है जिसमें लगातार कानों के अंदर सीटी बजने या हवा चलने जैसी आवाजें आती हैं. ये आवाज कानों के सबसे अंदरूनी हिस्से में मौजूद कॉक्लिया सेल्स के नष्ट होने की वजह से आती है. इन सेल्स के खराब होने की एक वजह झटके से आने वाली तेज आवाज है.

जब हम लगातार कानों में ईयर फोन लगाते हैं, उनके ब्लॉब में कानों का वैक्स और दूसरी गन्दगी फंसती रहती है. लगातार बिना साफ किए ईयर फोन का इस्तेमाल करने से ये कानों के भीतर फंगल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन पैदा कर सकती हैं.

लगातार तेज आवाजें जब हमारे कानों में पड़ती हैं तो हमारे सुनने की शक्ति कम हो जाती है. तेज आवाजें लगातार हमारे कानों के पर्दों पर प्रेशर डालती हैं. इससे हमारे पर्दे में घाव भी हो सकता है.

अगर आप भी रेगुलरली कानों में ईयर फोन लगाते हैं तो आपने भी कभी ना कभी इस समस्या का सामना किया होगा. इसकी वजह है कि कानों में लगातार आवाज और म्यूजिक बजते रहने से आपके कानों का बाहरी और भीतरी हिस्सा दर्द होने लगता है.

दिमाग पर भी पड़ता है बुरा असर 

स्क्लेरोसिस नाम की दिमागी बीमारी जितना असर हमारे दिमाग की कोशिकाओं पर करती है, उतना ही असर तेज म्यूजिक भी इनपर करता है. तेज म्यूजिक की वजह से दिमाग की कोशिकाओं की ऊपरी लेयर नष्ट हो जाती है जिससे दिमाग और कान का कनेक्शन कमजोर हो जाता है.

ये तो आपने खुद भी देखा होगा कि जब आप ईयर फोन लगाते हैं तो अपने आस-पास से बहुत दूर हो जाते हैं. कई बार म्यूजिक सुनते हुए लोगों के एक्सीडेंट भी हो जाते है. आस-पास क्या हो रहा है, ईयर फोन की वजह से इसका भी हमें पता नहीं चलता जो कई बार बहुत खतरनाक साबित होता है.

सावधानियां: जितना हो सके ईयर फोन के प्रयोग से बचें. पतले कानों में घुसने वाले ईयर फोन न खरीदें. ईयर फोन्स पर तेज आवाज में म्यूजिक ना सुनें. आवाज को 40% तक ही बढ़ाएं. हर रोज ईयर फोन ना लगाएं और अपने कानों को आराम दें और यात्रा करते समय ईयर फोन का इस्तेमाल करने से बचें.

– कविता सक्सेना श्रीवास्तव

 

 

 

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