यूपी सरकार में पांच मंत्री ऐसे हैं जो फिलहाल न तो विधायक हैं और न ही MLC. ऐसे में उन्हें मंत्री पद पर बनने रहने के लिए 6 महीने के अंदर सूबे के किसी एक सदन का सदस्य होना लाजमी है. ऐसे में इन मंत्रियों का19 सितंबर को 6 महीने पूरे हो रहे हैं, इस डेट लाइन से पहले इन्हें सदन का सदस्य बनना होगा. यही वजह है कि बीजेपी अपने इन पांच मंत्रियों को विधान परिषद के जरिए सदन में लाने की व्यवस्था की है.अभी-अभी: CM योगी ने भ्रष्टाचार अफसरों को दी बड़ी धमकी, मुंह पर पुतवाएंगे कालिख
जबकि चुनाव आयोग पहले पांच MLC सीटों से चार ही सीटों पर मध्यावधि चुनाव कराने का फरमान जारी किया था. ऐसे में योगी सरकार के किसी एक मंत्री कुर्सी जानी तय माना जा रहा था. इसमें कहा जा रहा था कि मोहसिन रजा की कुर्सी ज्यादा खतरे में हैं.
दरअसल योगी आदित्यनाथ तो मुख्यमंत्री हैं, तो ऐसे में उनका MLC बनना तय है. इसके अलावा केशव मौर्य और दिनेश शर्मा डिप्टी सीएम हैं. दिनेश शर्मा अमित शाह और मोदी के करीबी और भरोसेमंद माने जाते हैं. ऐसे में उन्हें भी किसी तरह का कोई खतरा नहीं था. पिछले दिनों लखनऊ दौरे पर आए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि केशव जी को यूपी में मजबूती से राजनीति करनी है. ऐसे में केशव मौर्य भी सेज जोन में थे.
इसके बाद सिर्फ दो नाम बचते हैं, स्वतंत्रदेव सिंह और योगी सरकार में एकलौते मुस्लिम चेहरा मोहसिन रजा. इनमें से किसी एक को मंत्री पद त्यागना पड़ता. स्वतंत्र देव सिंह RSS के बैकग्राउंड और पार्टी संगठन से आते हैं. इतना ही नहीं यूपी में नरेंद्र मोदी की जो भी रैली होती हैं, उनकी देखभाल की जिम्मेदारी स्वतंत्र देव ही उठाते रहे हैं. ऐसे में उन्हें भी किसी तरह का कोई खतरा नहीं था.
खतरे में थी मोहसिन रजा का पद
योगी सरकार के पांच मंत्रियों में से मोहसिन रजा ही ऐसे मंत्री हैं, जिनकी कुर्सी जानी लगभग तय मानी जा रही थी. लेकिन चुनाव आयोग ने मंगलवार को अपने फैसले को बदलते हुए जयवीर सिहं की रिक्त हुई सीट पर भी चुनाव कराने की अधिसूचना जारी कर दी है. इससे अब साफ है कि योगी सरकार के पांचों मंत्री सेफ जोन में हैं, अब किसी भी मंत्री को अपनी कुर्सी नहीं त्यागनी पड़ेगी.
पांच MLC के इस्तीफे से रिक्त हुई सीट
दरअसल पिछले दिनों सूबे के पांच MLC ने अपने पदों से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा है. इनमें चार एसपी और एक बीएसपी MLC थे. एसपी के यशवंत सिंह, अशोक वाजपेयी, सरोजिनी अग्रवाल और बुक्कल नवाब तो वहीं बीएसपी के जयवीर सिंह ने भी इस्तीफा दिया था. लेकिन चुनाव आयोग ने पांच सीटों के बजाए चार सीटों पर चुनाव कराने का फैसला किया है. जयवीर सिंह के कार्यकाल का एक साल से कम का समय बचे होने मना कर दिया है. लेकिन मंगलवार चुनाव आयोग ने दोबारा से अधिसूचना जारी करके रिक्त हुई जयवीर सिंह की सीट पर चुनाव कराने फैसला किया है.