नई दिल्ली, सेवानिवृत्ति कोष संस्था ईपीएफओ से जनवरी 2022 में शुद्ध आधार पर 15.29 लाख सदस्य जुड़े, जो दिसंबर 2021 में जुड़े 12.60 लाख सदस्यों की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक हैं। श्रम मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। श्रम मंत्रालय ने कहा, “ईपीएफओ का अनंतिम पेरोल डेटा आज, यानी 20 मार्च 2022 को जारी किया गया है, जो इस बात पर प्रकाश डालता है कि ईपीएफओ ने जनवरी 2022 के दौरान 15.29 लाख शुद्ध सदस्य जोड़े हैं। पेरोल डेटा की महीने-दर-महीने तुलना करने पर दिसंबर 2021 के मुकाबले जनवरी 2022 में 2.69 लाख शुद्ध सदस्यों की वृद्धि का संकेत मिला।”
आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2021 में कुल 12.60 लाख नए सदस्य जुड़े थे। बयान के अनुसार, जनवरी में जोड़े गए कुल 15.29 लाख शुद्ध सदस्यों में से लगभग 8.64 लाख नए सदस्यों को ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के सामाजिक सुरक्षा दायरे के तहत पंजीकृत किया गया है। वहीं, लगभग 6.65 लाख शुद्ध सदस्य योजना को छोड़ चुके थे लेकिन अंतिम निकासी का विकल्प चुनने के बजाय ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता जारी रखते हुए ईपीएफओ में फिर से शामिल हो गए। बयान में कहा गया है कि पेरोल डेटा जुलाई 2021 से ईपीएफओ से बाहर होने वाले सदस्यों की संख्या में गिरावट की प्रवृत्ति को भी दर्शाता है।
पेरोल डेटा की आयु-वार तुलना से पता चला है कि जनवरी 2022 में सबसे ज्यादा 18-25 वर्ष आयु वर्ग के सदस्य इससे जुड़े हैं, जिनकी संख्या 6.90 लाख है। यह महीने में जोड़े गए कुल शुद्ध सदस्यों का लगभग 45.11 प्रतिशत है। 29-35 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 3.23 लाख सदस्य जुड़े। यह बताता है कि पहली बार नौकरी तलाशने वाले बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र में शामिल हो रहे हैं और कमाई क्षमता के मामले में किसी व्यक्ति की क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण चरण को दर्शाता है।
पेरोल के आंकड़ों की राज्य-वार तुलना करें तो महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक में इस महीने के दौरान सबसे ज्यादा लगभग 9.33 लाख सदस्य जोड़े गए हैं, जो सभी आयु वर्गों में कुल लगभग 61 प्रतिशत है।