नई दिल्ली: वर्ष 2019 को लोकसभा चुनाव कई मायने में अहम होने वाला है। इस चुनाव से पहले विपक्षी दल एक बार फिर चुनाव को बैलेट पेपर से कराने जाने की मांग कर सकते हैं। बताया जाता है कि 17 राजनैतिक दल जल्द ही चुनाव आयोग से मिलकर लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से कराये जाने की मांग करेंगे। वहीं अगले साल 2019 में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं और चुनाव आयोग इन चुनावों में 100 फीसदी वीवीपीएटी के इस्तेमाल की कवायद में जुटा हुआ है।
सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत करने के प्रयास के तहत तृणमूल कांग्रेस समेत 17 राजनीतिक दल इस मांग के साथ चुनाव आयोग से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं कि 2019 का लोकसभा चुनाव मतपत्र से कराया जाएण्। ये 17 विपक्षी दल इस योजना पर चर्चा करने के लिए अगले हफ्ते बैठक करेंगे। तृणमूल नेता डेरक ओ ब्रायन ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है जिस पर सभी विपक्षी दल सहमत हैं।
हमारी अगले हफ्ते बैठक करने की योजना है। हमने चुनाव आयोग से संपर्क करने और यह मांग करने की योजना बनाई है कि चुनाव आयोग अगला लोकसभा चुनाव मतपत्र से कराए। इस मामले पर सभी विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने की पहल तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने की थी जब वह 19 जनवरी की अपनी रैली के वास्ते विपक्षी नेताओं को न्योता देने के लिए उनसे मिलने बुधवार को संसद आई थीं।
ममता बनर्जी को संसद में तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय में उनसे मिलने आए नेताओं से यह अपील करते हुए सुना गया कि वे ईवीएम में छेड़छाड़ की रिपोर्ट तथा 2019 का चुनाव मतपत्र से कराने की मांग को लेकर संयुक्त प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास भेजें। तृणमूल कांग्रेस ने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करते हुए संसद के बाहर प्रदर्शन किया था।
उसने मांग की थी कि 2019 के चुनाव में मतपत्र वापस लाया जाए। पश्चिम बंगाल के सत्तारुढ़ दल ने कहा कि यह एक ऐसा साझा कार्यक्रम है जो विपक्षी दलों को एकजुट करेगा। सबसे रोचक तो यह है कि बनर्जी ने बीजेपी की सहयोगी शिवसेना से भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने की अपील की।
शिवसेना प्रमुख उद्भव ठाकरे ने पहले मांग की थी कि 2019 का चुनाव ईवीएम के स्थान पर मतपत्र से कराया जाए। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु ने कहा कि सभी पार्टी नेताओं को ईवीएम को लेकर सतर्क रहना चाहिए। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी बैलेट पेपर के इस्तेमाल कि हिमायत कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता में ईवीएम को लेकर अविश्वास लगातार बढ़ रहा है।