आपने फ़ेमस जिंगल ‘OLX करो, आगे बढ़ो’ तो सुना ही होगा. ज्यादातर लोग ज़रूरत का सामान खरीदने या अपना पुराना सामान बेचने के लिए OLX करते हैं. तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस पोर्टल का इस्तेमाल लोगों को ठगने के लिए करते हैं.
ठगों का ये गिरोह दूसरों को फंसाने के लिए अलग-अलग तरीके इस्तेमाल करता है. ऐसे ही एक गिरोह का पता चला है जो दूसरों को ठगने के लिए भारतीय सेना और सीआईएसएफ जैसे संस्थानों का नाम खराब कर रहा है.
फर्जीवारे के लिए इस आधार कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह कार्ड मुंबई एयरपोर्ट पर तैनात CISF जवान श्रीकांत का है.
दरअसल ये गिरोह लोगों को सस्ते में आईफ़ोन और दूसरे महंगे स्मार्टफ़ोन ऑफ़र करता है. इसके लिए सीआईएसफ और इंडियन आर्मी के कुछ जवानों के नाम, आईडी कार्ड, आधार कार्ड और वर्दी में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया जाता है.
फ़ोन ख़रीदने की इच्छा जताने वाले से कहा जाता है कि वो इंडियन आर्मी या सीआईएसफ का जवान है और ड्यूटी पर देश के किसी दूर-दराज़ के इलाके में तैनात है. उसे पैसों की सख़्त ज़रूरत है इसलिए अपना फ़ोन इतने सस्ते में बेच रहा है. सस्ता माल ख़रीदने के चक्कर में लोग उस ठग को पैसे पेटीएम कर देते हैं और फिर उनके हाथ कुछ नहीं लगता है.
इस ठगी का शिकार हो चुके एक व्यक्ति ने aajtak.in से संपर्क किया. उसने हाल ही में इस ठग को पंद्रह हज़ार के आसपास पैसे भेजे थे. जब हमने शिकार हो चुके व्यक्ति से पूछा कि उसने इतने पैसे भेज कैसे दिए तो उसने कहा, ‘उसने हमसे फ़ोन पर कई बार बात की. उसने प्रोडक्ट की तस्वीरें भी वॉट्सअप कीं और सबसे बड़ी बात उसने बाताया कि वो आर्मी से जुड़ा है. उसने हमें अपना आईडी कार्ड, आधार कार्ड और वर्दी में अपनी तस्वीर भी भेजी तो ये सब देखकर लगा कि आर्मी का जवान झूठ तो बोलेगा नहीं, सो हमने विश्वास कर लिया.’
जब हमने इस बारे में पड़ताल की तो पता चला कि ऐसी ठगी कई लोगों के साथ हो चुकी है. पिछले हफ़्ते ही शादाब उस्मानी भी इस ठग का शिकार हुए. वो इंटरनेट पर लिखते हैं, ‘मेरे भाई, मेरे साथ भी यह फ्रॉड हुआ है. मेरे पंद्रह हज़ार पांच सौ गए.’
इस ठगी का शिकार हुए लोगों में से कुछ ने इस बारे में वीडियो भी बनाया है जिसमें उस ठग से फ़ोन पर हुई बातचीत सुनी जा सकती है. अब सवाल उठता है कि इस ठगी में जिस CISF जवान के नाम, आईडी कार्ड और आधार कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है वो कौन है? वो वाकई CISF का जवान है भी या नहीं?
इस बारे में हमने CISF के मीडिया प्रभारी, डिप्टी कमांडेंट हेमेंद्र सिंह से बात की. बक़ौल हेमेंद्र CISF को पूरे मामले की जानकारी तब हुई जब लोगों ने ट्विटर पर उन्हें टैग करना शुरू किया. वो बताते हैं, ‘आज से चार महीने पहले हमें इस मामले के बारे में जानकारी मिली. हमने पता करवाया तो मालूम हुआ कि इस नाम का एक जवान हमारे विभाग में है और फ़िलहाल मुंबई एयरपोर्ट पर तैनात है. उसका आईडी कार्ड और आधार कार्ड कहीं से इनके हाथ लग गया जिसका ये लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. हमारे जवान ने मुंबई पुलिस में शिकायत भी की है.’
हेमेंद्र सिंह आगे कहते हैं, ‘विभाग ने इस बारे में OLX को भी लिखा और उन्होंने संतोषजनक जवाब भी दिया. हम अपने सोशल मीडिया अकाउंट से भी इस बारे में लोगों को आगाह करते रहते हैं.’
भले ही OLX ने CISF की शिकायत पर कार्रवाई की लेकिन ठगी का यह सिलसिला थम नहीं रहा है. अभी दो हफ़्ते पहले तक कुछ लोग इसके शिकार हुए हैं. हमने इस बारे में OLX इंडिया से भी संपर्क किया लेकिन खबर लिखे जाने तक उनकी तरफ से हमें कोई जवाब नहीं मिला.
इंडियन आर्मी के एक जवान के विभागीय कैंटीन कार्ड और आधार कार्ड का इस्तेमाल करके भी यह फर्जीवाड़ा हो रहा है. इस जवान ने ख़ुद एक वीडियो बनाकर इस बारे में बताया कि कुछ लोग उसके नाम, विभागीय कार्ड और आधार कार्ड का इस्तेमाल करके फ़र्जीवाड़ा कर रहे हैं. यह वीडियो 6 मई को यूट्यूब पर अपलोड किया गया है. वीडियो में कहा जा रहा है, ‘हेलो दोस्तो…मेरा नाम सुरेश है. मैं आपको एक जानकारी देना चाहता हूं कि मेरे नाम से OLX में डुप्लिकेट ऐड दिया जा रहा है. बताना चाहूंगा कि उन्होंने मेरे डॉक्यूमेंट चोरी कर लिए हैं और उसका मिसयूज़ कर रहे हैं. खासकर मेरा आधार कार्ड, डिफेंस का कैंटिन कार्ड…’
इंडियन आर्मी जवान सुरेश ने एक वीडियो बनाकर बताया है कि कुछ लोग उसके आई कार्ड का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.
2 मिनट 35 सेकेंड लंबे इस वीडियो में सुरेश लोगों को बता रहा है कि उसने इस बारे में साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवा रखी है और किसी को इस तरह के किसी भी ऐड पर भरोसा करके अपने पैसे देने की जरूरत नहीं है.
अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो 21 दिसंबर 2017 तक देश में ऑनलाइन बैंकिंग में 25,800 से भी ज़्यादा धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए. डेबिट, क्रेडिट और इंटरनेट बैंकिंग के चलते यह धोखाधड़ी करीब 179 करोड़ रुपये की है.