उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार की उलटी गिनती शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बुधवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से भेंट के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी होने लगी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का 29 अगस्त को प्रदेश का दौरा सम्पन्न होने के बाद चार मनोनीत विधान परिषद सदस्यों के नाम की सूची जारी होने के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख भी तय हो जाएगी।
योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में अभी सात मंत्रियों की जगह खाली है। बीती 19 अगस्त को नई दिल्ली में भाजपा हाईकमान की बैठक के बाद मंत्रिमंडल विस्तार तथा मनोनीत विधान परिषद सदस्यों के नाम पर मुहर लग गई है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच इसी को लेकर पिछले सप्ताह बैठक हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बेहद गंभीर भाजपा हाईकमान ने किसी भी मंत्री को बाहर नहीं करने का निर्देश भी दिया है। भाजपा किसी को भी नाराज करने की स्थिति में नहीं है। इसके साथ ही जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की रणनीति भी तय की गई है। 2022 के चुनाव को देखते हुए नए मंत्रियों को शामिल किया जाए, लेकिन पुराने किसी भी मंत्री की योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से छुट्टी नहीं होगी।
योगी आदित्यनाथ सरकार के विस्तार में आठ मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। इसमें छह भाजपा के होंगे जबकि सहयोगी दलों के दो विधायकों को भी मंत्री बनाया जाएगा। भाजपा की तरफ से संभावित मंत्रियों की सूची में हाल ही में भाजपा में शामिल होने वाले जितिन प्रसाद का भी नाम शामिल हैं। इनके साथ विधायक पलटू राम, कृष्णा पासी, तेजपाल नागर व छत्रपाल गंगवार को मंत्री बनाया जा सकता है।
संभावित मंत्रियों में जिन नेताओं के नाम है, उन्हेंं देखते हुए साफ जाहिर है कि भाजपा ने अपना सियासी समीकरण दुरुस्त करने का दांव चला है। ब्राह्मण समुदाय से जितिन प्रसाद को शामिल किया जा रहा है, जिनके जरिए ब्राह्मणों के साथ-साथ रुहेलखंड को साधने की रणनीति है। दलित वोटरों को साधने के लिए साधने के लिए पलटू राम और कृष्णा पासवान को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता। कृष्णा पासी फतेहपुर की खागा विधानसभा सीट से विधायक हैं। प्रदेश के तमाम जिलों में पासी वोटर की संख्या अच्छी खासी है। इसी कारण भाजपा कृष्णा पासी को मंत्री बनाकर सपा के इंद्रजीत सरोज के कार्ड के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है। पलटू राम बलरामपुर सदर से विधायक हैं और पासी समुदाय से आते हैं। भाजपा पासी समुदाय को प्रदेश सरकार में प्रतिनिधित्व देकर बड़ा संदेश देना चाहती है। ओबीसी वर्ग से तेजपाल नागर और छत्रपाल गंगवार को मंत्री के तौर पर शामिल किया जा सकता है। तेजपाल नागर गुर्जर समुदाय से आते हैं जबकि छत्रपाल गंगवार कुर्मी समाज से हैं। यूपी की सियासत में ओबीसी में यह दोनों ही वोट काफी अहम हैं। पश्चिम यूपी की करीब दो दर्जन सीटों पर गुर्जर वोटर निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। मंत्रिमंडल में फिलहाल गुर्जर समाज से अशोक कटरिया इकलौते मंत्री हैं। तेजपाल नागर को मंत्री बनाया जा सकता है। भाजपा पश्चिम यूपी में गुर्जर समुदाय को बड़ा सियासी संदेश देने की रणनीति बना रही है। बरेली से आने वाले छत्रपाल गंगवार को कैबिनेट में शामिल करने को कुर्मी समुदाय को साधने का दांव माना जा रहा है।
प्रदेश सरकार में अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कुल 53 मंत्री हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री है। इस प्रकार सात और मंत्री बनाने की गुंजाइश है।