लखनऊ: आज के दौरान मेंं लोगों के घरों से दूरदर्शन लगभग गायब ही हो चुका है, पर एक समय था जब दूरदर्शन ही लोगों के मनोरंजन का एक मात्रा सहारा था और लोग घंटो दूरदर्शन पर आने वाले कार्यक्रमों बड़े उत्साह से देखते थे। आज के ही दिन यानि 15 सितम्बर को दूरदर्शन की शुरुआत की गयी थी। आईये दूरदर्शन की 58 वीं वर्षगांठ पर दूरदर्शन के बारे में कुछ अहम जानकारियों आपको बताते हैं।
15 सितम्बर 1959 को UNESCO ने दूरदर्शन के प्रसारण के लिए भारत को 20 हज़ार डॉलर और 180 फिलिप्स टीवी के सेट दिये थे। कहा जाता है कि भारत में एक प्रदर्शनी में आए जर्मन लोगों ने ब्रॉडकास्टिंग का सामान डोनेट किया था। मशहूर कवि सुमित्रानंदन पन्त ने दूरदर्शन नाम दिया था बनाया था जो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के छात्र थे।
दूरदर्शन का लोगो देवाशीष भट्टाचार्य ने तैयार किया थाए जो नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइन के छात्र थे। शुरुआत में चैनल के पास कुल 180 टीवी सेट थे। 1977 तक ये संख्या बढ़कर 2 लाख 25 हजार पहुंच गई। शुरुआत में ऑल इंडिया रेडियो ने दूरदर्शन को जगह और कंटेट मुहैया कराया। 1965 में दूरदर्शन ने पहली बार 5 मिनट का समाचार बुलेटिन देना शुरू किया था, जिसकी पहली प्रस्तोता प्रतिमा पुरी थीं।
1975 में विक्रम साराभाई ने उपग्रह की मदद से पूरे भारत में सिग्नल भेजने की योजना तैयार की गयी थी। 1976 में इंदिरा गांधी ने दूरदर्शन को ऑल इंडिया रेडियो से अलग कर दिया था।
कुल 146 देशों में दूरदर्शन का प्रसारण होता है। 2014 में दूरदर्शन ने देश का अपना चैनल पंचलाइन से गुलाबी और बैंगनी कलर में अपना रूप बदल लिया। बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान भी दूरदर्शन पर एंकरिंग भी कर चुके हैं।