इलाहाबाद: फर्जी बाबा के खिलाफ खड़े अखिल भारतीय अखाडा परिषद् ने शुक्रवार को फर्जी बाबाओं की दूसरी सूची जारी की है। इसमें तीन बाबाओं को फर्जी घोषित किया गया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने तीन फर्जी बाबा का नाम घोषित करते हुए इन बाबाओं का सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की है। आज 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की इस बैठक में तीन बाबा को सर्वसम्मति से फर्जी घोषित किया गया। अखिल भारतीय अखाडा परिषद ने दूसरी बार फजऱ्ी बाबाओं की लिस्ट जारी करते हुए उनके सामाजिक बहिष्कार की अपील की।
कुल 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की बैठक में पारित सात प्रस्ताव में छठवां प्रस्ताव फर्जी संतों से संबंधित है। इस सूची में दूसरा नाम दिल्ली के वीरेंद्र देव दीक्षित का है जिन पर अध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर महिलाओ के यौन शोषण का आरोप लगा है। पहले नंबर पर बस्ती के स्वामी सचिदानंद सरस्वती है और तीसरे नंबर पर परी अखाड़े इलाहाबाद की त्रिकाल भवंता।
त्रिकाल भवंता खुद को पीठाधीश्वर बताती हैं। उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ में पीठाधीश्वर के रूप में सुविधाओं के लिए उन्होंने हंगामा मचाया था। अखाडा परिषद् के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि का कहना है कि मीडिया को भी ऐसे बाबाओं का बहिष्कार करना चाहिए।
इसके पहले 10 सितम्बर को परिषद देश के 14 बाबाओं को फर्जी घोषित करने वाली लिस्ट जारी कर चुकी है। जिसमें निर्मल बाबा, राधे मां, आशाराम बापू, सचिन दत्ता, गुरमीत सिंह, ओम बाबा, इच्छाधारी भीमा नन्द , स्वामी असीमांनंद, ओम नमरू शिवाय बाबा, नारायण साईं, रामपाल, आचार्य कुश्मुनी , ब्रहस्पति गिरी और मलखान गिरी शामिल थे।