फागुआ की बहार का खत्म हुआ इंतजार, 17 से उल्लास का महीना शुरू

      हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ माह 16 फरवरी को खत्म हो जाएगा और 17 फरवरी से फाल्गुन माह शुरू हो जाएगा। फाल्गुन माह को उल्लास का महीना कहा जाता है। इस महीने में सर्दी छूमंतर हो जाती है और प्रकृति भी करवट लेती है। पेड़ों में नई कोपल आती है और धीरे-धीरे गर्मी का मौसम आने लगता है। फाल्गुन माह में और क्या है खास, आइए जानते हैं।

हिंदू कैलेंडर का अंतिम माह
फगुआ लगते ही होली का इंतजार शुरू हो जाता है। गांवों में लोग शाम के समय फगुआ गाना शुरू कर देते हैं जो होली तक चलता है। इसके अलावा मथुरा और वृंदावन में भी इसी माह हर दिन होली पर्व से जुड़ी परंपराओं को निभाया जाता है। फाल्गुन नक्षत्र के कारण ही इसका फाल्गुन नाम पड़ा है। इस महीने में महाशिवरात्रि पड़ती है और होली भी। कहा जाता है कि फाल्गुन के माह में हर  प्रकार के रोगों से भी छुटकारा मिलता है। यह महीना लोगों के अंदर स्फूर्ति लाता है। प्रकृति में भी आपको उल्लास नजर आता है।

फाल्गुन का महत्व
हिंदू धर्म में फाल्गुन का काफी महत्व है। यह भगवान शिव की आराधना करने का मास होता है। इसमें चतुदर्शी के दिन महाशिवरात्रि का लोग व्रत करेंगे। वहीं शुक्ल एकादशी के दिन आमलकी एकादशी पड़ेगी जो विष्णु जी के लिए विशेष मानी जाती है। इस महीने में दान का भी काफी महत्व है। पितरों के लिए दान करने से उनको काफी शांति मिलती है। आप घी, तिल, सरको और फल का दान कर सकते हैं। इस माह विजयाएकादशी 26 फरवरी को, महाशिवरात्रि एक मार्च को, अमावस्या दो मार्च को, फुलैरा दूज 4 को, आमलकी एकादशी 14 को होलिका दहन 17 को और होली 18 मार्च को होगी।

GB Singh

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