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क्या आप जानते हैं इन बाप-बेटे ने ओलंपिक में दिलाया है भारत को मेडल

खेलों के महाकुम्भ की शुरूआत 23 जुलाई से होने जा रही है। इस बार के ओलंपिक अपने तय कार्यक्रम से 1 साल लेट होने जा रहे हैं। जापान देश के टोक्यो शहर में होने जा रहे इस बार का ओलंपिक में 206 देशों के 12 हजार एथलीट हिस्सा लेने वाले हैं। भारत के भी अब तक 117 खिलाड़ी इन खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। कुछ और खिलाड़ी ओलंपिक शुरू होने से पहले क्वालीफाई कर सकते हैं। भारत ने आज़ादी के बाद से अब तक 18 बार इन खेलों में हिस्सा लिया है लेकिन इतनी बार हिस्सा लेने के बावजूद भारत का इन खेलों में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। भारत अब तक 23 बार ही ओलंपिक पदक जीतने में सफल रहा है। हालांकि एक परिवार ऐसा भी है जिसमें बाप के साथ बेटे ने भी ओलंपिक में पदक जीत देश को गौरवान्वित किया है। तो चलिए जानते हैं कौन है ये बाप-बेटे की जोड़ी।

बाप बेटे की इस जोड़ी ने जीता है पदक
भारत के स्टार टेनिस प्लेयर लिएंडर पेस और उनके पिता जी वेस पेस ने भारत के लिए कीर्तिमान बनाया है। बता दें कि पेस के पिता वेस पेस मशहूर फील्ड हॉकी प्लेयर रह चुके हैं। साल 1972 में हुए म्यूनिख ओलंपिक खेलों के दौरान वेस पेस इंडियन हॉकी टीम का हिस्सा रहे थे। उन्होंने बतौर मिड फील्डर खिलाड़ी के रूप में टीम के साथ ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था। भारत ने 1972 में हॉकी में काफी शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में पाकिस्तान से हार कर गोल्ड मेडल की रेस से बाहर भी हो गया था। हालांकि खेले गए ब्रॉन्ज़ मेडल मैच में नीदरलैंड की टीम को 2-1 से हराकर ओलंपिक में पदक जीतने में सफल रहा। इस टीम के खिलाड़ी रहे वेस पेस को भी ब्रॉन्ज़ मेडल दिया गया था।

बेटा भी नहीं रहने वाला था पीछे
कहते हैं बेटा बाप से एक कदम आगे होता है। इस कहावत को लिएंडर पेस ने सच साबित कर दिखाया है। पिता से इंस्पायर्ड होकर लिएंडर पेस ने भी 1996 में अमेरिका देश के एटलांटा शहर में हुए ओलंपिक में 12 साल से चले आ रहे सूखे को भी खत्म कर दिया। इस साल खेले गए ओलंपिक में लिएंडर पेस भारत को टेनिस में ब्रॉन्ज़ के रूप में पहला मेडल दिलाने में भी सफल रहे थे। बता दें कि पिछले तीन ओलंपिक से भारत को खाली हाथ ही लौटना पड़ा था।

ऐसे रचा था इतिहास
इस साल के ओलंपिक में शायद ही किसी ने सोचा था की पेस भारत के लिए इतिहास रच सकते हैं। 128 रैंक वाले पेस कई दिग्गज खिलाड़ियों को हराकर सेमीफाइनल तक पहुंचने में सफल रहे थे। हालांकि सेमीफाइनल मुकाबले में उन्हें वर्ल्ड नंबर वन आंद्रे अगासी से हार का सामना करना पड़ा था लेकिन मेडल जीतने की आखिरी उम्मीद अब भी कायम थी। उन्हें ब्रॉन्ज़ मेडल मैच में ब्राज़ील के फर्नांडो मेलगेनी से भिड़ना था। बता दें कि मुकाबले को पेस 3-6 , 6-2 , 6-4 से जीत इतिहास रचने में सफल रहे थे।

ऋषभ वर्मा

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