Gold में करना है निवेश invest, बेहतर तरीका बनाएगा मालामाल

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Gold में करना है निवेश invest, बेहतर तरीका बनाएगा मालामाल #tosnews

सोना gold खरीदना भारतीयों का बड़ा शौक है। त्यौहार हो या कोई आयोजन सबसे पहले भारतीय सोना gold ही संपत्ति के तौर पर जोड़ता है। बच्चों के पैदा होने से ही यहां लोग सोने की खरीदारी उसके नाम पर शुरू कर देते हैं। लेकिन सोना निवेश को लेकर लोगों में सजगता न होने की वजह से कुछ कमियां रह जाती हैं। अगर सोने में निवेश भी बेहतर तरीके से किया जाए तो यह सोने पे सुहागा हो सकता है। पिछले साल रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया RBI ने गोल्ड लोन के लिए अधिकतम लोन टू वैल्यू रेशियो loan to value ratio को 90 फीसद कर दिया था। पहले यह 75 फीसद था। लेकिन अब यह स्कीम भी खत्म हो चुकी है। यह केवल 21 मार्च तक थी। लेकिन अब यह खत्म हो गई है। यहां आपको बताएंगे कि कैसे गोल्ड gold में निवेश करें कि वह आपको अच्छा रिटर्न दें।

क्यों निवेश investकरना है सही #tosnews

आपको बता दें कि सोने gold की डिमांड कायम रहने की वजह कई फै क्टर हैं। इसमें हम और आप जो आभूषण बनवाते हैं वहां से लेकर बैंकों के गोल्ड संपत्ति gold assest के तौर पर रखने, बाजार, महंगाई के जोखिम को संभालने के तौर पर शामिल किया जाता है। यही चीजें सोने की मांग को हमेशा बाजार में बनाए रखते हैं, खड़ा रखते हैं। इसलिए आप कह सकते हैं कि सोने एक सुरक्षित निवेश है क्योंकि जब बाजार में स्थिति लड़खड़ाती है तो यह अच्छा रिटर्न देता है। बाजार के सही चलने पर भी आपको घाटा हो जाए ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है।

गोल्ड में निवेश के रास्ते

भौतिक सोना यानी फिजिकल गोल्ड physical gold #tosnews

भौतिक सोना physical gold उसे कहते हैं जो आपके पास साक्षात रूप में पाया जाता है। जैसे आप कोई आभूषण, सोने के सिक्के, बिस्किट या सोने की बनी कोई और चीज खरीदते हैं तो यह भौतिक सोना physical goldकहलाता है। यह भारत में काफी लोकप्रिय है और लोगों के सोने में निवेश का सबसे पहला कदम है। लेकिन इसके कुछ खराब पहलू भी हैं। इसकी सुरक्षा का डर आपको हमेशा सताएगा। शुद्धता को लेकर भी आप चिंता में रह सकते हैं। इसके अलावा इसकी सुरक्षा में अतिरिक्त खर्च आता है। आप देश में संकट के मुश्किल समय में इसे निकालकर बेंच सकते हैं या नहीं यह भी उस समय के हालात पर निर्भर करता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड sovereign gold bond #tosnews

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड sovereign gold bond को फइक स्टॉक एक्सचेंज, बैंकों और पोस्ट आॅफिस किस्त के माध्यम से देता है। कोई भी व्यक्ति इस गोल्ड बॉन्ड gold bond के जरिए एक वित्तीय वर्ष में एक ग्राम मिनिमम से लेकर चार किलोग्राम तक अधिकतम सावरेन गोल्ड बॉन्ड sovereign gold bond खरीदने का हकदार है। कीमतों में बढ़ोतरी होने पर बॉन्ड को निवेशकों को 2.5 फीसद के वार्षिक ब्याज भी मिलता है और इसका भुगतान छमाही में हो जाता है। ये बात अलग है कि ब्याज की रकम निवेशक के टैक्स स्लैब पर लगने वाले टैक्स पर आधारित होगी। इसबॉन्ड का सबसे बड़ा फायदा है कि िइसकी लिक्विडिटी कम है।

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड gold exchange traded fund #tosnews

गोल्ड exchange traded fund फिजिकल सोने की कीमतों को काफी नजदीक से ट्रैक करते हैं। ऐसे फंड काफी सहायक साबित हो सकते हैं। क्योंकि इनकी बाजार में पकड़ बनी रहती है। इन्हें बहुत ज्यादा सक्रियता तो नहीं दिखती लेकिन फिर भी ये मैनेज करते हैं। किसी भी तरह के इटीएफ की तरह ही गोल्ड फंड की यूनिट को स्टॉक एक्सचेंज stock exchange पर खरीद या बेंच सकते हैं। हालांकि इसका नुकसान ये है कि इनमें ब्रोकरेज और वार्षिक रखरखाव शुल्क के लिए अतिरिक्त बोझ बढ़ता है। गोल्ड ईटीएफ ETF के साथ लिक्विडिटी एक बड़ी समस्या भी है क्योंकि एक्सचेंजों पर इनकी खरीद फरोख्त काफी कम होती है।

गोल्ड फंड gold fund आॅफ फंड्स #tosnews

यह बिल्कुल म्युचुअल फंड की तरह ही होते हैं जो गोल्ड फंड gold fund में निवेश करते हैं। जैसे आप किसी दूसरे म्युचुअल फंड में गोल्ड की योजनाओं को एनएवी पर खरीदते और रिडीम करते हैे वैसे ही इसमें भी कर सकते हैं। इसमें भी सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान यानी SIP के जरिए पैसा लगा सकते हैं। एसटीपी भी एक विकल्प है। इसमें ज्यादा लिक्विडिटी होती है। इसकी वजह से निवेशक को अपनी रणनीति बनाने में भी काफी सहायता मिलता है।

 

कब लगाएं सोने gold में पैसा #tosnews

पहली बात तो ये कि सोना और इक्विटीज में सीधा संबंध नहीं है इसके सोने का कुछ हिस्सा निवेशकों को अपने पोर्टफोलियों में कुछ हिस्सा रखना चाहिए। इसके अलावा निवेशक इसमें अगर पैसा नहीं लगाएं हैं तो लगाना शुरू कर सकते हैं। गोल्ड को खास तवज्जो देना काफी सही रहेगा। दाम में उतार चढ़ाव आए तो एसेट एलोकेशन रणनीति के तहत एकमुश्त निवेश भी कर सकते हैंष

गोल्ड लोन gold loanपर भी ध्यान दें #tosnews

अगर आप गोल्ड लोन लेने जा रहे हैं तो कुछ बातें आपको जाननी आवश्यक है। गोल्ड लोन ज्यादातर लोग दो या तीन साल के लिए ही लेते हैं। लेकिन इस अवधि को आप बढ़ा सकते हैं। लोन के लिए कोलैटरल के रूप में गोल्ड आपको किसी भी रूप में बैंक को देना होगा। यह ज्वैलरी, सोने की छड़ें या सिक्का कुछ भी हो सकता है। लोक के दोबारा से भुगतान के लिए आप विकल्प चुन सकते हैं। या फिर बुलेट रीपेमेंट को चुन सकते हैं। गोल्ड लोन के लिए क्रेडिट हिस्ट्री की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन अगर यह हिस्ट्री अच्छी है तो आप सस्ते दर पर लोन ले सकते हैं। यह लोन काफी सुरक्षित लोन कहा जाता है। जबकि पर्सनल लोन सुरक्षित नहीं होता। पर्सनल लोन 10 से 15 फीसद पर मिलता है जबकि गोल्ड लोन सात फीसद से शुरू होता है। पंजाब एंड सिंध बंैक अभी तक सबसे सस्ता गोल्ड लोन सात फीसद वार्षिक आॅफर कर रही थी। सबसे अधिक एक्सिस और साउथ इंडियन बैंक का रहा, 11 फीसद से अधिक।

 

—-GB singh

 

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