कुछ बातें जो काफी पारंपरिक हैं
क्या आप जानते हैं कि हमेशा वित्त मंत्री बजट शुरू करने के लिए जाते वक्त लाल रंग का ब्रीफ केस लेकर जाते थे। लेकिन 2019 में निर्मला सीतारमण इसे लाल रंग के कपड़े में ले गए जिसमें टैबलेट था। उन्होंने अपना बजट भाषण उसी से पढ़ा। पहले वित्त मंत्री ब्रीफ केस में पूरा भाषण लिखा हुआ ले जाते थे और उसे पढ़ते थे। कहा जाता है कि यह ब्रीफ केस की परंपरा ब्रिटेन से आई है। जिसमें लंबे भाषण को रखने के लिए ब्रीफ केस की जरूरत पड़ी थी। इसी तरह ब्लू शीट भी होती है जो टाप सीक्रेट होती है जिसके लिए संयुक्त सचिव के पास पूरी जिम्मेदारी होती है। इसके अलावा जब बजट छपने को जाता है तो हलवा बनाया जाता है। यह वित्त मंत्री कड़ाही मे सभी लोगों को खिलाते भी हैं। इसी दिन से बजट छपता है।
कुछ यादगार बजट
देश में बजट भाषण काफी यादगार भी रहे हैं। कभी आर्थिक समस्या का सामना करते बजट तो कभी देश में गरीबी से जूझते संसाधानों को पूरा करने का बजट। 1973-74 में काफी घाटे का बजट पेश किया गया जिसे ब्लैक बजट कहा जाता है। उस समय वित्त मंत्री यशवंतराव बी चव्हाण थे। इसी तरह 1997 में व्यक्तिगत आयकर और कारपोरेट कर कम किए गए तो उसे ड्रीम बजट कहा गया। ये चिदंबरम ने पेश किया था। इसी तरह 1991 में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत वाला बजट पेश किया गया जो मनमोहन सिंह ने पेश किया था।
GB Singh
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