लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मडिय़ांव पलटन छावनी इलाके में स्थत गौरी फूड्स गुड मॉर्निंग ब्रेड फैक्ट्री में शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे अचानक आग लग गयी। आग फैक्ट्री में बने डीजल टैंक फटने के बाद आग लगी थी। घटना के समय करीब 250 कर्मचारी काम कर रहे थे। अचानक लगी आग से वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफी मच गयी। लोग अपनी जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे। फैक्ट्री के चार कर्मचारी आग बुझाने में मामूली रूप से झुलस भी गये। बाद में मौके पर पहुंची दमकल की दो गाडिय़ों ने करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
मडिय़ांव के पलटन छावनी स्थित रेलवे लाइन के किनारे गौरी फूड्स नाम से एक फैक्ट्री है। इस फैक्ट्री में गुड मॉर्निंग के नाम से ब्रेड बनती है। फैक्ट्री मालिक भूपेंद्र सिंह परिवार के साथ फैक्ट्री के ही एक हिस्से में रहते भी हैं।
बताया जाता है कि शुक्रवार सुबह फैक्ट्री में काम हो रहा था। इस बीच सुबह करीब 9 बजे अचानक तेज धमाके के साथ डीजल टैंक में आग लग गयी। वहां मौजूद कर्मचारियों ने निजी संसाधनों से आग बुझाने का प्रयास किया पर नाकाम रहे देखते ही देखते आग विकराल रूप धारण कर लिया। आग बुझाने के प्रयास में चार कर्मचारी भी मामूली रूप से झुलस गये।
देर से दी गयी सूचना
फैक्ट्री में आग बुझाने के संसाधन न होने के कारण फैक्ट्री संचालक ने अपनी कमी छिपाने के लिए लोगों की जान जोखिम में डाल दिया। एक कर्मचारी ने बताया कि फैक्ट्री मालिक कर्मचारियों से जबरन बाल्टी से आग बुझाने का दबाव बनाते रहे जिससे आग फैलती चली गयी। उधर फैक्ट्री में लगी आग से कालोनी में धुंआ भरने से लोगों का दम घुटने लगा। घटना की भनक लगते ही स्थानीय पार्षद रुपाली गुप्ता ने रामराम बैंक चौकी जाकर पुलिस को सूचना देकर मदद की गुहार लगायी। इसके बाद 9.52 बजे फायर ब्रिगेड को दी गई सूचना।
डर से रोने लगे स्कूल में पढ़ रहे बच्चे
ब्रेड फैक्ट्री के सामने प्राथमिक विद्यालय है। सुबह के वक्त स्कूल में स्कूल व टीचर मौजूद थे। फैक्ट्री में लगी आग देख स्कूल में बच्चे डर गये और चीखने चिल्लाने लगे। सहायक अध्यापिका रनिता श्रीवास्तव ने बताया कि घटना के समय 133 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। आग की लपटें देख वह दहशत में आकर रोने लगे। वहीं स्कूल का मेन गेट टूटा होने के कारण उसे तार से बांध दिया गया है। उधर छोटा गेट फैक्ट्री के ठीक सामने होने के कारण बच्चे उधर से जाने में डर रहे थे। किसी तरह लोगों की मदद से बच्चों को बाउंड्रीवॉल फांद कर सुरक्षित निकाला गया। इसके अलावा करीब 40 मीटर की दूरी पर स्थित एक निजी विद्यालय में भी बच्चे दहशत में रहे। अध्यापक उन्हें संभालने में लगे रहे।
फैक्ट्री बंद करवाने की उठी मांग
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे सीओ अलीगंज दीपक कुमार, इंस्पेक्टर मडिय़ांव प्रदीप कुमार, इंस्पेक्टर अलीगंज फरीद अहमद और एफएसओ बीकेटी उमाकांत सिंह भी पहुंचे। इस दौरान वहां के रहने वाले लोगों ने इन अधिकारियों से रिहायशी इलाके में चल रही इस फैक्ट्री को बंद करवाने की मांग की। लोगों का कहना था कि फैक्ट्री में दर्जनों छोटे बच्चों से काम करवाया जाता है। इस पर अधिकारियों ने जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
मीडिया कर्मियों से भी अभद्रता
घटना की सूचना पर कवरेज करने पहुंचे मीडिया कर्मियों से फैक्ट्री मालिक व उनके लोगों ने ने धक्का-मुक्की व गाली गलौज की। वह लोग फैक्ट्री को प्राइवेट प्रॉपर्टी बताकर कवरेज करने से मना कर रहे थे। इस पर स्थानीय लोग मीडिया के पक्ष में आकर हंगामा करने लगे। पुलिस ने लोगों को समझा बुझाकर स्थित संभाली।