साल का पहला सूर्य ग्रहण इसी महीने अप्रैल माह में पड़ेगा। यह महीने के अंतिम तिथि में पड़ने से लोगों के जीवन में कई तरह के बदलाव लाएगा। सूर्य ग्रहण के लगने के साथ ही सूतक भी शुरू हो जाता है जिसमें कई कार्यों को नहीं किया जाता। उनको करना वर्जित होता है। भारत में सूर्य ग्रहण को लेकर क्या समय है, आइए जानते हैं।
कब है सूर्य ग्रहण
इस बार सूर्य ग्रहण अप्रैल माह में 30 तारीख को लग रहा है। इसका धर्म और ज्योतिष में भी खासा महत्व है। सूर्य ग्रहण खगोलीय घटना होने के साथ ही इसके काफी ज्योतिष और वैज्ञानिक कारण भी मिलते हैं। इस बार सूर्य ग्रहण शनिवार के दिन पड़ रहा है और उस दिन अमावस भी है। ऐेसे में इसका महत्व और बढ़ जाता है। शनिवार को वैसे तो अमावस्या का काफी महत्व होता है लेकिन सूर्य ग्रहण में मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। कहा जा रहा है कि आंशिक सूर्य ग्रहण होने से सूतक काल नहीं रहेगा। यह 30 अप्रैल को आधी रात में 12:15 से लेकर सुबह 4:08 बजे तक लगेगा।
भारत में सूर्य ग्रहण के मायने
भारत में सूर्य और चंद्र ग्रहण में लोग काफी विश्वास करते हैं। इस दौरान कोई मंदिर नहीं खुलता और लोग घरों में ही ध्यान करते हैं। कुछ खा और पी नहीं सकते हैं। ग्रहण के बाद ही स्नान करने के बाद ही कुछ खाने और पीने की परंपरा होती है। इस बार का ग्रहण बता रहे हैं कि भारत में दिखना मुश्किल है। यह यूरोप व अन्य देशों में दिखेगा। ऐसे में इसे आंशिक ग्रहण माना जा रहा है। वैसे अगर सूर्य ग्रहण होता है तो लोगों को काफी चीजें करनी होती है। जिनमें भोजन और पानी बचा हुआ रखा हो तो उसमें तुलसी पत्ता डालना चाहिए। मंदिरों के कपाट बंद कर दें। भगवान की आराधना करें और ग्रहण के बाद स्नान कर दान करें। ग्रहण में शुभ काम न करें और सुई में धागा न डालें। भोजन न पकाएं न खाएं। गर्भवती स्त्रियां विशेष सावधानी बरतें। वह यात्रा न करें।
GB Singh