नई दिल्ली: मॉनसून के इस मौसम में सात राज्यों में बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में अभी तक 774 लोगों की मौत हो गई है। गृह मंत्रालय के नेशनल इमर्जेंसी रिस्पांस सेंटर एनईआरसी के मुताबिक बाढ़ और बारिश के कारण केरल में 187, उत्तर प्रदेश में 171, पश्चिम बंगाल में 170 और महाराष्ट्र में 139 लोगों की जान गई है। आंकड़ों में कहा गया है कि गुजरात में 52, असम में 45 और नगालैंड में आठ लोगों की मौत हुई है।
केरल में 22 और पश्चिम बंगाल में 5 लोग लापता भी हैं। राज्यों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 245 लोग जख्मी हुए हैं। बारिश और बाढ़ की विभीषिका से महाराष्ट्र के 26, असम के 23, पश्चिम बंगाल के 22, केरल के 14, उत्तर प्रदेश के 12, नगालैंड के 11 और गुजरात के 10 जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। असम में एनडीआरएफ की 15, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 8-8, गुजरात में सात, केरल में 4, महाराष्ट्र में चार और नगालैंड में एक टीम को तैनात किया गया है।
उधर रविवार को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बादल फटने से बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ है। बादल फटने से 3 विदेशी नागरिक भी बह गए थे बाद में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर उन्हें बचा लिया गया था। इस घटना में कई मकान पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। उधरए केरल में अभी भी बाढ़ का कहर जारी है। 8 अगस्त को आई भारी बारिश ने यहां बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है।
इस दौरान अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि केरल में बाढ़ के कारण राज्य में 8316 करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। करीब 20000 घर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं और 10000 किलोमीटर सड़कें पूरी तरह से खराब हो गई हैं। न्होंने कहा कि केंद्र सरकार से तात्कालिक राहत और पुनर्वास के लिए 820 करोड़ रुपये के अतिरिक्त और 400 करोड़ रुपये की मांग की गई है।
रविवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी केरल के बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई दौरा किया था। दौरा करने के बाद उन्होंने यहां चलाए जा रहे राहत और बचाव शिविरों का भी जायजा लिया। उन्होंने कहा कि केरल अभूतपूर्व बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद केरल में बाढ़ ने पहली बार इतने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। गृहमंत्री ने तत्काल रूप से राज्य को 100 करोड़ की आर्थिक सहायता का ऐलान किया।