बरसात के मौसम में सर्दी, खांसी और फ्लू समेत वायरल बुखार का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही मच्छर के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और जीका वायरस जैसी बीमारियां भी दस्तक देती हैं। इन बीमारियों से बचाव के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें। इससे मच्छरों के काटने से होने वाले संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। बचाव के लिए मॉस्किटो रिप्लेंट का प्रयोग करें। साथ ही मच्छर भगाने वाली कॉइल (अगरबत्ती) का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, घर पर मच्छर भगाने वाले पौधे भी जरूर लगाएं। इसे आप अपनी खिड़की पर भी रख सकते हैं। इससे मच्छर घर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। डॉक्टर्स हमेशा बरसात के मौसम में इम्यून सिस्टम मजबूत करने की सलाह देते हैं। इसके लिए रोजाना अपनी डाइट में विटामिन-सी युक्त फलों और सब्जियों का सेवन करें। साथ ही असमान्य तापमान से होने वाले बीमारियों से बचाव के लिए हर्बल टी और काढ़ा पिएं। वहीं, वायरल फीवर से बचाव के लिए इन टिप्स को जरूर फॉलो करें। आइए जानते हैं-

वायरल बुखार के लक्षण
-गले में दर्द
-सिरदर्द
-बुखार
-शरीर में दर्द
-चिड़चिड़ापन
– सर्दी-खांसी
वायरल फीवर से बचाव कैसे करें
-नियमित अंतराल पर अपने हाथ धोएं।
– घर से बाहर मास्क पहनकर निकलें। वहीं, 20-30 मिनट में हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
– खांसते या छींकते समय टिश्यू पेपर या रुमाल का इस्तेमाल करें।
– संतुलित आहार लें और रोजाना वर्कआउट करें।
-वायरल फीवर आने पर डॉक्टर से संपर्क कर उचित दवा लें।
-हल्दी वाला दूध का सेवन रोजाना करें।
– अपनी डाइट में विटामिन-सी युक्त फलों और सब्जियों को जरूर शामिल करें । इसके लिए नींबू, संतरे, ब्रोकली, अनार, अंगूर इन चीजों का सेवन कर सकते हैं।
-वायरल बुखार में दही, अचार आदि चीजों का सेवन बिल्कुल न करें।
-बरसात के मौसम में दिन में सोने से परहेज करें।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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