मलेशिया (Malaysia) के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक (Najib Razak) पर सत्ता का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार करने के आरोप हैं। हालांकि उन्होंने खुद को निर्दोष कहा है। मलेशिया की शीर्ष अदालत उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ अंतिम अपील (Final Plea) पर सुनवाई करेगी।
इस दौरान मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री ने अंतिम अपील पर सुनवाई की प्रक्रिया से मुख्य न्यायाधीश मैमुन तुआन मत (Maimun Tuan Mat) को हटाए जाने की मांग की है जो सुनवाई के लिए गठित अदालत की पांच सदस्यीय टीम का नेतृव कर रही हैं।
नजीब का कहना है कि ‘1मलेशिया डेवलपमेंट बेरहाद’ (1एमडीबी) घोटाले को लेकर मैमुन के पति जमानी इब्राहिम (Zamani Ibrahim) पहले ही उनके आलोचक रहे हैं। ऐसे में फैसला उनके पति के पूर्वाग्रह से प्रभावित हो सकता है।
प्रधानमंत्री को 12 साल जेल की सजा
साल 2009 में सत्ता में आने के बाद नजीब ने 1MDB कंपनी की स्थापना की थी। यह एक सरकारी कंपनी थी जिसका स्वामित्व वित्त मंत्रालय के पास था। नजीब पर सरकारी निवेश कोष 1मलेशिया डेवलपमेंट बर्हाड (1MDB) से 4.5 अरब डॉलर ( करीब 32 हजार करोड़ रुपये) गबन करने का आरोप है।
उन्हें भ्रष्टाचार और सत्ता का दुरुपयोग करने के मामलों में 12 साल जेल की सजा सुनाई गई और 49.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया। उनकी दोषसिद्धि और 12 साल की सजा को रद्द करने की अंतिम अपील पर सुनवाई होनी है। नजीब ने मंगलवार को इस सुनवाई से मुख्य न्यायाधीश मैमुन को हटाए जाने की मांग की है।
नजीब के वकील ने कही ये बात
नजीब के वकील ने कोर्ट में उनके हलफनामे में कहा, ”नजीब ने बताया है कि जमानी इब्राहिम ने 2018 के आम चुनावों में नजीब की हार होने के ठीक बाद एक फेसबुक पोस्ट में जिक्र किया था कि नजीब ने अपने निजी बैंक खाते में “सरकारी सरकारी धन का गबन” किया है।”
नजीब ने कहा कि यह “बेहद परेशान करने वाला” था क्योंकि इससे इस बात की संभावना रह जाती है कि मैमून का विचार जमानी से प्रभावित हो सकता है ।
नजीब ने अपने आवेदन में कहा, ”ऐसे में अदालत के फैसले के पूर्वाग्रह से प्रभावित होने और पक्षपातपूर्ण होने की संभावना है, जिससे आगे चलकर न्यायपालिका पर लोगों के मन में संदेह पैदा होगा।”