विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने सितंबर महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 2,038 करोड़ रुपये की निकासी कर ली है। भारत-चीन सीमा पर तनाव बढ़ने व कमजोर वैश्विक रुख के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा यह निकासी की गई है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने एक सितंबर से 11 सितंबर की अवधि में शेयरों से शुद्ध रूप से 3,510 करोड़ रुपये निकाले। वही, उन्होंने बॉन्ड में 1,472 करोड़ रुपये का निवेश किया।
इससे पहले, एफपीआई द्वारा जून से अगस्त महीने की अवधि में शुद्ध रूप से लिवाली की गई थी। एफपीआई द्वारा अगस्त महीने में शुद्ध रूप से 46,532 करोड़ रुपये, जुलाई महीने में शुद्ध रूप से 3,301 करोड़ रुपये व जून महीने में शुद्ध रूप से 24,053 करोड़ रुपये भारतीय शेयर बाजारों में निवेश किये गए थे।
मार्निंग स्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक (शोध प्रबंधक) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सितंबर महीने के प्रारंभ से ही भारतीय शेयर बाजारों में निवेश को लेकर सतर्क रुख अपनाया है और निकासी की है।’ श्रीवास्तव ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट दिखाते आंकड़ों से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
उन्होंने बताया कि इसके बाद कमजोर वैश्विक रुख व भारत-चीन सीमा पर तनाव बढ़ने से निवेशक बाजार में निवेश करने से कतरा रहे हैं। साथ ही श्रीवास्तव ने बताया कि निवेशकों ने हाल की तेजी के बाद मुनाफावसूली को भी प्राथमिकता दी।
डेट सेगमेंट में निवेश के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी फेड द्वारा तेजी से बॉन्ड खरीदने के बीच, वहां यील्ड में कमी आई है, जो कि एफपीआई द्वारा इंडियन डेट मार्केट जैसे अन्य आकर्षक निवेश स्थलों की तलाश करने का एक कारण हो सकता है, जो संभावित रूप से बेहतर रिटर्न पेशकश कर सकते हैं।
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